भोपाल

600 करोड़ रुपए में अंडरग्राउंड होगी शहर की बिजली लाइन

आने वाले दिनों में आपको शहर के कई पॉश व प्रमुख क्षेत्रों से बिजली की आउटर लाइन व पोल नदारद मिलेंगे। बिजली की लाइन को अंडरग्राउंड करने के लिए भोपाल में 600 करोड़ रुपए का बड़ा प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है।

भोपालApr 25, 2019 / 07:47 am

देवेंद्र शर्मा

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आने वाले दिनों में आपको शहर के कई पॉश व प्रमुख क्षेत्रों से बिजली की आउटर लाइन व पोल नदारद मिलेंगे। बिजली की लाइन को अंडरग्राउंड करने के लिए भोपाल में 600 करोड़ रुपए का बड़ा प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है। इसके तहत एमपी नगर, न्यू मार्केट, चार इमली, 74 बंगला, अरेरा कॉलोनी समेत शहर के अन्य प्रमुख क्षेत्रों में पूरी बिजली लाइन अंडरग्राउंड हो जाएगी। इलेक्ट्रिसिटी ब्यूटिफिकेशन के तहत केंद्र की स्कीम में ये राशि मंजूर हुई है।
बिजली की लाइन अंडरग्रांउड होने से पूरा क्षेत्र बिजली के खंभों से मुक्त हो जाएगा। ओपन लाइन नहीं होगी, जो अपनी तरह का एक इलेक्ट्रिक ब्यूटिफिकेशन ही होगा। भोपाल में कुछ क्षेत्रों में अंडरग्राउंड लाइन है, लेकिन ये कॉलोनाइजर्स ने ही बिछाई है। बिजली कंपनी द्वारा आमजन के लिए ये अपनी तरह का पहला काम होगा। अभी बिजली कंपनी मुख्यालय पर इसके लिए केंद्र से पत्राचार चल रहा है।
यहां के संबंधित इंजीनियरों से इस संबंध एमडी डॉ.़ संजय गोयल बैठकें भी ले चुके है। पॉवर मैनेजमेंट कंपनी भी इसमें तकनीकी मदद कर रही है। गोयल इसे एक अच्छी शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं। कंपनी अभी सर्वे कर पूरी रिपोर्ट ऊर्जा विभाग के माध्यम से केंद्र को भेजेगी, इसके बाद आगे की कवायद बढ़ेगी।
इसलिए जरूरत

शहर के अरेरा कॉलोनी, चार इमली, 74 बंगला, एमपी नगर समेत कोलार, शाहपुरा और संबंधित क्षेत्र काफी हरेभरे है। अब भी कई बड़े पेड़ है। आंधी में इनकी टहनियां या पूरा पेड़ लाइन पर गिरता है, घंटों तक बिजली गुल रहती है। ऐसे में अंडरग्राउंड बिजली लाइन होने से इस तरह फॉल्ट की दिक्कत खत्म हो जाएगी। तारों का जाल हटने से शहर की बाहरी सुंदरता बढ़ेगी।
ये चुनौतियां

दिल्ली के बड़े हिस्से में अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिसिटी है। प्रदेश के इंदौर शहर में भी कई क्षेत्रों में अंडरग्राउंड लाइन है। इसका मेंटेनेंस और फॉल्ट डिटेक्शन बेहद कठिन है। आउटसोर्स कर्मचारी की बजाय पूरी तरह से एक्सपर्ट टीम होगी तभी अच्छा रखरखाव होगा, नहीं तो डक्ट में बिजली लाइन का फॉल्ट तलाशने में काफी देरी हो जाएगी। बारिश में करंट फैसले डर रहता है, इसे भी एक्सपट्र्स की टीम से नियंत्रित रखना बड़ी चुनौती है। हाइटेक उपकरणों से ही मेंटेनेंस और फॉल्ट डिटेक्शन संभव है।
अंडरग्राउंड बिजली लाइन, यहां पहले से प्रोजेक्ट

– स्मार्टसिटी के 342 एकड़ क्षेत्रफल के टीटी नगर एरिया बेस्ड डेवलपमेंट एरिया में पूरी बिजली लाइन अंडरग्राउंड ही होगी। इसके लिए काम चल रहा है।
– चौक बाजार को हेरिटेज क्षेत्र के तौर पर विकसित करने यहां की बिजली लाइन को भी अंडरग्राउंड किया जाना है, लेकिन अभी काम रूका हुआ है।
दस गुना अधिक होती है लागत

मैनिट में इलेक्ट्रिकल डिपोर्टमेंट की प्रोफेसर तृप्ता ठाकुर का कहना है कि सुरक्षा और बेहतर बिजली आपूर्ति के अनुसार अंडरग्राउंड पॉवर लाइन अच्छा विकल्प है। हालांकि ये ओवरहेड लाइन की तुलना में अधिक खर्चिला है। कम से कम दस गुना अधिक खर्च आता है। जो ओवरहेड लाइन एक करोड़ में बिछ जाती है, अंडरग्राउंड के लिए उतनी ही लंबाई की लाइन का खर्च 10 करोड़ रुपए से अधिक बनेगा।

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