scriptभूमिगत जल पहले से खराब, अब नर्मदा लाइन भी छोड़ रही साथ | Underground water is already worse, now Narmada line is also leaving | Patrika News

भूमिगत जल पहले से खराब, अब नर्मदा लाइन भी छोड़ रही साथ

locationभोपालPublished: Apr 14, 2019 08:14:56 am

दोहरा जलसंकट : 40 बस्तियों के ट्यूबवेल और कुओं का पानी दूषित

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भूमिगत जल पहले से खराब, अब नर्मदा लाइन भी छोड़ रही साथ

भोपाल। राजधानी के बड़े हिस्से में रहने वालों को गर्मी का ये सीजन मुसीबत साबित होगा। पानी की कमी के लिए चलते नगर निगम जहां कटौती की योजना बना रहा है वहीं यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के आसपास करीब दो किलोमीटर इलाके में पानी की कमी होने लगी है। ऐसे हालात में प्रशासन ने प्राकृतिक जलस्रोतों की सफाई कर उपयोग के निर्देश दिए लेकिन यहां की चालीस से ज्यादा बस्तियों का भूजल पहले से प्रदूषित है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च लखनऊ की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने भूजल के उपयोग पर रोक लगा रखी है।
कोलार, बड़े तालाब से शहर में पानी की सप्लाई होती है। यहां पानी की कमी के कारण शहर को जलअभाव ग्रस्त घोषित हो चुका है। ऐसे में नर्मदा कोलार के अलावा लोग भूजल का इस्तेमाल कर इस कमी से निपट सकते हैं लेकिन यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के आसपास की करीब बस्तियां ऐसा नहीं कर सकती है। इसके अलावा भानपुर इलाके में भी लोग भूजल का उपयोग नहीं कर सकते। सालों से कचरे के ढेर के कारण ये दूषित है। चालीस बस्तियों में करीब दो लाख आबादी है। पानी के लिए ये केवल नर्मदा जल कनेक्शन पर निर्भर हैं। इसमें भी फूटा मकबरा, छोला में कटौती होने लगी है।
नल से पानी नहीं मिला तो ट्यूबवैल से लेना मजबूरी

नल से पानी नहीं मिला तो ट्यूबवैल से लेना मजबूरी
फूटा मकबरा क्षेत्र में रहने वाले बबलू केे मुताबिक पानी के लिए केवल नर्मदा कनेक्शन है। लेकिन पानी बहुत कम आ रहा है। सरकारी ट्यूबवैल तो नगर निगम ने बंद कर दिए। जिन्होंने घरों में बोर कराए थे वे चल रहे हैं। उसी से पानी भर लेते हैं। मजबूरी है। इन्हीं कॉलोनियों में से एक न्यू कबाड़ खान के पास रहने वाले मो. अली के मुताबिक एक हफ्ते से पानी नहीं आया। शिकायत कर चुके हैं लेकिन फिर भी कोई खास सुधार नहीं। पानी के लिए टैंकर या ट्यूबवैल पर ही निर्भर है।
इनका कहना

जिन बस्तियों में पानी की दिक्कत हो रही है वहां इंतजाम कराने के लिए कहा जा रहा है। उस क्षेत्र की जो भी जिम्मेदारी देख रहा उसे निर्देशित किया जा रहा है।
मयंक वर्मा, उपायुक्त नगर निगम
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