scriptबेखौफ भू-माफियाः करोड़ों की सरकारी जमीन फर्जी कागज बनाकर बेचा | Unfair land mafia: Crores of government land sold by making fake paper | Patrika News

बेखौफ भू-माफियाः करोड़ों की सरकारी जमीन फर्जी कागज बनाकर बेचा

locationभोपालPublished: Nov 11, 2020 09:59:15 am

Submitted by:

Hitendra Sharma

नगर निगम स्वामित्व वाली जमीन बेची, शिकायत पर हुई जांच से हुआ भंडाफोड़, नगर निगम ने बोर्ड गड़ाकर जमीन पर किया कब्जा

1.png

कटनी. शहर में नजूल, शासकीय व नगर निगम के स्वामित्व वाली जमीन में कब्जा और फर्जी तरीके से खरीद-फरोख्त का खूब कारोबार चल रहा है। एक ऐसा ही सरकारी जमीन बेचे जाने के दुस्साहस का मामला विश्राम बाबा वार्ड में सामने आया है, जहां पर कुछ भू-माफियाओं ने मिलकर नगर निगम स्वामित्व की जमीन की रजिस्ट्री करा दी गई है।

जानकारी के अनुसार जेठानंद डोडानी द्वारा 17 जून 2020 को आरती सीतलानी को जमीन बेची गई। जिसका इ-पंजीकरण क्रमांक एमपी2080520ए1295466 है। नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत विश्राम बाबा वार्ड क्रमांक 44 में नगर निगम की आवासीय सुधार न्यास कॉलोनी (योजना क्रमांक 6) की एक भूमि खसरा नं. 320/1 रकबा 0.10 हेक्टेयर बताया गया है, गलत चौहद्दी बताकर नगर निगम स्वामित्व की योजना क्रमांक 6 नगर निगम सुधारान्यास कॉलोनी की भूमि का विक्रय कर दिया गया है। भूमि को राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमाक-7 1/2 किलोमीटर अंदर बताया गया है, जो गलत है। जबकि यह जमीन कलेक्ट्रेट कार्यालय से महज आधा फर्लांग पर स्थित है। इसके अलावा विक्रयशुदा भूमि को अविकसित एवं कृषि प्रयोजन की भूमि बताई गई है जो पूरी तरह से गलत है। यह आवासीय कॉलोनी विकसित भूमि है। इसमें स्टाम्प ड्यूटी बचाने के लिए भी गलत विक्रय पत्र तैयार कराया गया है। विक्रय पत्र में कोई भी निर्माण आदि होना नहीं बताया गया, जबकि मौके पर नगर निगम का सम्पवेल पंप हाउस बना हुआ है, जो कि 25 वर्षों से बना है। नाला बना हुआ है, पेड़ लगे हैं।

कहीं और है इस खसरे की जमीन
हैरानी की बात तो यह है कि इस खसरा की भूमि कही अन्यत्र स्थित है, जिस भूमि का विक्रय कर दिया गया है वह नगर निगम स्वामित्व की है। खसरा नंबर गलत दर्ज करते हुए धोखाधड़ी करते हुए गलत दस्तावेज तैयार कर कूट रचना की गई है। पटवारी से चौहद्दी का गलत प्रतिवेदन भी लिया गया है। उक्त भूमि करोड़ों रुपये की है, लेकिन कम राशि में विक्रय पत्र तैयार किया गया है। इस मामले की शिकायत भी नगर निगम में एडवोकेट गिरीश गर्ग द्वारा की गई है, जिसके बाद मामले की जांच कराई गई और जमीन को सुरक्षित कराया गया है। बताया जा रहा है कि किसी सुशील मोटवानी नामक व्यक्ति द्वारा अधिकारियों से मिलीभगत कर यह खेल किया जा रहा है।

इनका कहना है
नगर निगम आयुक्त सत्येंद्र सिंह धाकरे ने कहा नगर निगम की जमीन थी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कराकर उसकी रजिस्ट्री करा दी गई है। काम रुकवाकर बोर्ड लगाते हुए जमीन को मंगलवार को सुरक्षित कराया गया है। तहसीलदार को सीमांकन के लिए पत्र लिखा जाएगा। नगर निगम की सभी जीमनों का सीमांकन कराकर सुरक्षित कराते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो