दरअसल आज शनिवार को इसी के चलते गुना आए केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को प्रदर्शनकारियों ने काले झंड़े दिखाए। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में सड़कों पर जमा युवाओं ने भाजपा, शिवराज और मंत्री गहलोत के खिलाफ जमकर नारे बाजी भी की। वहीं केन्द्रीय मंत्री की गाड़ी को घेर भी लिया।
लोगों का आक्रोश बढ़ता देख गहलोत दूसरे रास्ते से निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
जानकारी के अनुसार सर्किट हाउस पर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत का विरोध बड़ी संख्या में पहुंचे लोग ने किया। जिसके कारण सर्किट हाउस के पीछे के गेट से मंत्री को निकालकर जिला अस्पताल की ओर रवाना किया गया। वहीं बाहर खड़ी है जनता द्वारा जमकर की गई नारेबाजी के चलते 4 लोगों को अंदर बुला कर मंत्री ने मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें ज्ञापन भी सौंपा।
इस दौरान यहां भारी मात्रा में पुलिसबल भी तैनात रहा। सुरक्षाकर्मी यहां आंसू गैस के गोले के साथ तैनात थे, दूसरे रास्ते से निकलने के बाद केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत वाहन में सीधे अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने स्ट्रॉबेरी मशीनों की स्टाफ से जानकारी ली। साथ ही मरीजों से भी पूछताछ की।
पहले यहां हो चुका है विरोध…
इससे पहले आंदोलित सामाजिक संगठनों द्वारा अशोक नगर में भी कांग्रेस सांसद ज्याेतिरादित्य सिंधिया के सामने विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद शुक्रवार को मुरैना में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राज्यसभा सांसद प्रभात झा को काले झंडे दिखाये एवं चूड़ियां भेंट की।
इस दौरान भीड़ में शामिल करीब 100 लोगों ने प्रभात झा को आधे घंटे तक घेरे रखा। झा भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने के लिए मुरैना पहुंचे थे। हालांकि जिला एवं पुलिस प्रशासन से अभी तक किसी संगठन ने रैली, प्रदर्शन या सभा के लिए अनुमति नहीं मांगी है। यहां लोगों ने प्रभात झा को काले झंडे भी दिखाए।
बता दें कि दलित कानूनों में हुए बदलाव देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। इसकी शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से हुई थी। बीती 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने एससी-एसटी एक्ट यानी ‘अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989’ में कुछ बदलाव किये थे। इन बदलावों का देश भर में विरोध हुआ था।
कलेक्टर रेट की मांग…
इससे पहले ज़िला अस्पताल में सफाई कर्मचारी पेमेंट बढ़ाने की मांग को लेकर मंत्री थावरचंद गहलौत व कलेक्टर के इंतज़ार में बैठे रहे। उनकी मांग है कि उन्हें कलेक्टर रेट दिया जाए, इसके साथ ही उन्होंने अन्य परेशानियां भी बताईं। उनकी इस मांग पर सिविल सर्जन ने कहा 4 हजार करवाने का प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे। इसके बाद भी मजदूर मानने को तैयार नहीं हुए और कलेक्टर रेट की मांग करते रहे।