scriptएट्रोसिटी एक्ट पर केन्द्रीय मं त्रियों के बिगडे बोल | union misters tong sleep | Patrika News

एट्रोसिटी एक्ट पर केन्द्रीय मं त्रियों के बिगडे बोल

locationभोपालPublished: Sep 17, 2018 05:31:17 pm

Submitted by:

harish divekar

खटीक ने रोहिंग्या बताया तो गहलोत ने कहा एक्ट की जानकारी नहीं

sapax

atrocity act


देश में एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध पर केन्द्रीय मंत्रियों के बिगडे बोल से मामला उलझ गया। केन्द्रीय मंत्री एवं टीकमगढ से सांसद वीरेन्द्र खटीक ने विरोध करने वाले सवर्ण—पिछडा वर्ग के लोगों को रोहिंग्या बताया है वहीं केन्द्रीय मंत्री एवं उज्जैन से सांसद थावरचंद गहलोत ने कहा कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें एक्ट के बदलाव की पूरी जानकारी नहीं है। भाजपा संगठन के मना करने के बावजूद दोनों मंत्रियों ने एससी—एक्ट पर अपना बयान देकर आग में घी देने का काम किया है।
मंत्रियों के बयान के बाद इनके पुतले पफूंके जाने की खबर मिली है। वहीं सपाक्स के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी ने केन्द्रीय मंत्रियों के गैर जिम्मेदाराना बयान की निंदा की है।
दरअसल रविवार को केन्द्रीय मंत्री खटीक छतरपुर के नौगांव में नवोदय विधालय में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। जहां उन्हें सपाक्स संगठन ने काले झंडे दिखाते हुए नारेबाजी की।

इससे परेशान होकर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ये लोग रोहिंग्या है इनकी परवाह करने की जरुरत नहीं हैै, अपने समर्थकों से ऐसा बोलते हुए निकल गए।
इधर उज्जैन में केन्द्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि एससी—एसटी एक्ट का वही लोग विरोध कर रहे हैं, जिन्हें एक्ट में हुए बदलाव की पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि अग्रिम जमानत का प्रावधान समाप्त करने को मुद्दा बनाया जा रहा है, जबकि असल में इस तरह के प्रावधान तो विभिन्न एक्ट में पहले से हैं, जिसमें अग्रिम जमानत नहीं होती है। संशोधित एक्ट में यह प्रावधान भी है कि थाना प्रभारी आवश्यक होने पर ही संबंधित आरोपी को गिरफ्तार करेगा।
भ्रम यह फैलाया जा रहा है कि एट्रोसिटी एक्ट में सीधे गिरफ्तारी ही होगी, जो कि गलत है। गहलोत ने कहा कि
असल में जो संशोधन किया है, उससे किसी भी वर्ग या समुदाय का अहित नहीं होता। कोर्ट के पास विवेकाधिकार है वो प्रकरण की परिस्थिति अनुसार निर्णय ले सकती है।
गहलोत ने कहा कि पूर्व में डीएसपी स्तर के अधिकारी एससी-एसटी एक्ट के मामले की जांच करने के लिए अधिकृत थे। अब ऐसे मामलों की जांच थाना प्रभारी या एसआई भी कर सकेंगे। इससे सुलभ न्याय की अवधारणा मजबूत होगी। केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया कि जो मंत्री, सांसद, विधायक बन गया वो हमेशा रहेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो