script

पांच साल में फैकल्टी ने की 50 से ज्यादा विदेश यात्राएं, सेमीनार और वर्कशॉप पर खर्च कर दिए लाखों रुपए

locationभोपालPublished: Mar 01, 2020 12:53:26 am

आरजीपीवी प्रबंधन की फिजूलखर्ची पर उठ रहे सवाल, सरकार करवा रही है पड़ताल

पांच साल में फैकल्टी ने की 50 से ज्यादा विदेश यात्राएं, सेमीनार और वर्कशॉप पर खर्च कर दिए लाखों रुपए

पांच साल में फैकल्टी ने की 50 से ज्यादा विदेश यात्राएं, सेमीनार और वर्कशॉप पर खर्च कर दिए लाखों रुपए

भोपाल. राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि (आरजीपीवी) प्रबंधन की ओर से रिसर्च वर्क के लिए इंजीनियरिंग कोर्स की फैकल्टी को पिछले पांच साल में 50 से अधिक यात्राएं कराईं गईं। शासन की अनुमति से इन पर 80 लाख से ज्यादा भुगतान हुआ, लेकिन विद्यार्थियों को इसका फायदा नहीं मिला। उनके ज्ञानवर्धन के लिए प्रबंधन ने निजी शिक्षण संस्थानों से एमओयू कर कोर्स ओरिएंटेशन के सेमीनार और वर्कशॉप करवाए। इन पर भी 65 लाख रुपए के बिलों का भुगतान किया गया। तकनीकी शिक्षा संचालनालय को भेजे हिसाब में इन खर्चों को विद्यार्थियों की सुविधा पर खर्च राशि के नाम से दर्ज किया गया। शासन ने इन खर्चों पर आपत्ति जताई है और प्रमुख सचिव के निर्देशन में जांच समिति गठित कर सात दिनों के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है।
प्लेसमेंट में गिरावट, आईआईएम का सहारा
आरजीपीवी के खराब प्रदर्शन के चलते पिछले सालों में प्लेसमेंट की दर में गिरावट दर्ज हुई है। जिन विद्यार्थियों ने खुद के प्रयासों से बेहतर नौकरियां प्राप्त की हैं, विवि उनका श्रेय ले रहा है। प्रबंधन के पास प्रतिवर्ष प्लेसमेंट के आंकड़ें नहीं हैं, जबकि ट्रेनिंग और प्लेसमेंट का पद बनाकर एक लाख रुपए प्रतिमाह वेतन जारी किया जा रहा है।
डायरेक्टर ने शासन को भेजी रिपोर्ट
सरकारी बजट के आवंटन और आरजीपीवी सहित प्रदेश के अन्य सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में विद्यार्थियों की सुविधा पर खर्च राशि के मामले में तकनीकी शिक्षा संचालक ने अपना जवाब भेज दिया है। प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार को शासन ने नोटिस भेजकर बजट आवंटन और हिसाब किताब का ब्यौरा मांगा था।
जांच समिति को रिपोर्ट भेज दी है। मेरे खिलाफ गलत तथ्यों के आधार पर शिकायतें की गईं हैं।
प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार, संचालक, तकनीकी शिक्षा

आरजीपीवी में विद्यार्थियों के विकास का पैसा फिजूलखर्ची पर खर्च हो रहा है। शासन ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
विवेक त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता, एनएसयूआई

ट्रेंडिंग वीडियो