पंचायत देती है मां के हक में फैसला
15 वर्ष बाद उसे जब पता चलता है कि गांव में उसकी पत्नी ने एक लड़के को जन्म दिया है, वह शहर से अपने बेटे को लेने के लिए वापस गांव आता है। बच्चे पर गबरघिचोर दावा करता है तो दूसरी ओर उसकी पत्नी गलीच बहु और गड़बड़ी नामक आदमी भी इस बच्चे पर दावा जताते हैं। पंच सब के तर्क सुनने के बाद निर्णय सुनाते हुए कहते हैं कि इस बच्चे के तीन टुकड़े कर दिए जाएं और तीनों में अलग-अलग बांट दिए जाएं। मां कहती है उसने नौ माह कोख में रखकर उस बच्चे को जन्म दिया है, बच्चे को खरोंच भी आए वो सपने में नहीं सोच सकती। मां की ममता देख अंत में पंच कहते हैं बच्चे पर मां का ही अधिकार है।