प्रदेश के घरेलू खुदरा बाजार में गेहूं और आटे की कीमत बहुत बढ़ चुकी थी। इसके अलावा आटा और मैदा से बननेवाले अन्य उत्पादों की भी कीमत बढ़ चुकी थी। प्रदेश में गेहूं और आटा के दामों में करीब 20 प्रतिशत तेजी आ गई थी। अब सरकार के एक फैसले से गेहूं के साथ ही आटा में आई यह महंगाई खत्म होने की उम्मीद जगी है।
गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से जो बयान दिया है उसमें भी इस चुनौती का जिक्र किया गया है. केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि गेहूं और आटा सहित उपभोक्ता उत्पादों की बढ़ती कीमतों से छुटकारा पाने के लिए ही सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई है. अब उम्मीद की जा रही है कि मध्यप्रदेश में खासतौर पर आटा की कीमतों में जल्द ही नरमी आएगी।
प्रदेश में आटा इस समय औसतन 320 रुपए प्रति दस किलो के भाव में बिक रहा है। यह पिछले साल के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत अधिक है. केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों, मध्यप्रदेश के खाद्य विभाग के अधिकारियों और व्यापारियों के अनुसार आटा की कीमत में कमी लाने के लिए केंद्र का यह निर्णय कारगर साबित होगा। हालांकि इसका असर कम से कम 1 सप्ताह बाद ही नजर आएगा। अधिकारियों और व्यापारियों के मुताबिक 1 से 2 सप्ताह के बीच आटा के दामों में खासी कमी हो जाएगा।