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रिटेनिंग वॉल बनाकर तालाब का दायरा 100 एकड़ से अधिक कर दिया कम

locationभोपालPublished: Nov 18, 2019 10:46:12 pm

Submitted by:

manish kushwah

-वीआईपी रोड से खानूगांव तक नगर निगम ने बनाई थी 2.6 किमी रिटेनिंग वॉल, तत्कालीन सीएम ने दिए थे तोडऩे के निर्देश, नहीं किया पालन

रिटेनिंग वॉल बनाकर तालाब का दायरा 100 एकड़ से अधिक कर दिया कम

रिटेनिंग वॉल बनाकर तालाब का दायरा 100 एकड़ से अधिक कर दिया कम

भोपाल. नगर निगम ने आठ करोड़ रुपए में रिटेनिंग वॉल बनाकर बड़ा तालाब का दायरा सौ एकड़ कम कर दिया। सुनने में अजीब लगेगा, पर ये सच है। दरअसल वीआईपी रोड से खानूगांव तक 2.6 किमी की जिस रिटेनिंग वॉल पर बवाल मचा और तीन साल पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे हटाने का निर्देश दिया था, उस दीवार ने तालाब से 100 एकड़ जमीन बाहर कर दी है। हालांकि निर्देश के बावजूद इस दीवार को नहीं तोड़ा गया। अब ये दीवार जमीन करोबारियों को लाभ देने का जरिया बन गई है। मालूम हो कि तालाब की जियो मैपिंग में इस दीवार को बाहर रखने पर हंगामा हुआ था, कई सवाल उठे, लेकिन इन्हें अनसुना कर दिया गया। अब बड़े तालाब में पर्याप्त पानी होने के बाद भी ये जमीन सुरक्षित नहीं है। सूत्रों के अनुसार यहां लैंडयूज में बदलाव करने की तैयारी है। इससे तालाब की सेहत को भारी नुकसान होगा। इसके अलावा तालाब की सरहद खानूगांव की ओर घट गई है, जिससे बायोडयवर्सिटी पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
तालाब संरक्षण के लिए आई राशि से बनाई थी रिटेनिंग वॉल
नगर निगम ने वर्ष 2016 में खानूगांव किनारे लेक फ्रंट डवलपमेंट पर 13 करोड़ रुपए खर्च किए थे। केंद्र से मिली इस राशि में से आठ करोड़ से रिटेनिंग वॉल बनाई गई। खानूगांव से वीआईपी रोड तक 2680 मीटर दायरे में पाथ-वे, साइकिल ट्रैक व फूड जोन बनाना तय किया गया था, लेकिन बनाई रिटेनिंग वॉल। छह मीटर ऊंची ये वॉल इस साल हुई बारिश में डूब गई थी। पानी इसे क्रॉस कर 20 फीट तक पहुंच गया था। जियो मैपिंग में भी गड़बड़ी सामने आई है। वॉल से बाहर वाले कुछ क्षेत्र तालाब में दिखाए हैं, पर वॉल को तालाब से बाहर बताया है। इस साल बारिश में तालाब ने जब अपनी सरहद बताई तो सामने आया कि रिटेनिंग वॉल तालाब के अंदर बनाई है।
ऐसे समझें वॉल की हकीकत
गूगल अर्थ पर खानूगांव से तालाब का एफटीएल देखते हैं तो हकीकत सामने आती है कि यहां तालाब को पीछे खिसकाने के लिए षडय़ंत्र किए गए। इसमें रिटेनिंग वॉल बनाना प्रमुख है। वर्ष 2002 और मौजूदा तस्वीरों से खुलासा होता है कि पूर्व में कितनी जमीन तालाब में थी और अब क्या स्थिति है। इसके आधार पर हाल ही में मैपकास्ट ने तालाब की मैपिंग की है, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही सार्वजनिक होगी। इसमें स्थिति और अधिक स्पष्ट हो जाएगी।

जब पूर्व में सीएम ने इसे तोडऩे के निर्देश दिए थे तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई, ये सवाल महत्वपूर्ण है। निर्देश का पालन किया जाना चाहिए था। अफसरों ने इसे अनसुना किया। जांच करेंगे कि इस प्रोजेक्ट से किसे लाभ पहुंचाया गया।
– आलोक शर्मा, महापौर

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