scriptupper lake बड़ा तालाब किनारे 15 बड़े व्यवसायिक निर्माणों पर एप्को की रिपोर्ट में की कार्रवाई की अनुशंसा | upper lake big illegle construction | Patrika News

upper lake बड़ा तालाब किनारे 15 बड़े व्यवसायिक निर्माणों पर एप्को की रिपोर्ट में की कार्रवाई की अनुशंसा

locationभोपालPublished: Jun 05, 2023 07:34:55 pm

बड़ा तालाब एफटीएल से 50 से 100 फीट की दूरी पर पर्यावरण प्रबंधन एवं समन्वय संगठन एप्को ने ने 15 प्रमुख व्यवसायिक निर्माण पाए हैं। एप्को ने भोजवेट लैंड आंकलन 2021 के नाम पर रिपोर्ट तैयार कराई थी।

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बड़ा तालाब किनारे 15 बड़े व्यवसायिक निर्माणों पर एप्को की रिपोर्ट में की कार्रवाई की अनुशंसा
भोपाल. बड़ा तालाब एफटीएल से 50 से 100 फीट की दूरी पर पर्यावरण प्रबंधन एवं समन्वय संगठन एप्को ने ने 15 प्रमुख व्यवसायिक निर्माण पाए हैं। एप्को ने भोजवेट लैंड आंकलन 2021 के नाम पर रिपोर्ट तैयार कराई थी। पर्यावरणविद् डॉक्टर सुभाष पांडेय ने इसे आरटीआइ के तहत निकलवाकर जाहिर किया। ये रिपोर्ट तत्कालीन पीएस आवास एवं पर्यावरण अनिरूद्ध मुखर्जी के निर्देश पर तैयार कराई गई थी। आगामी कार्रवाई के लिए इसे सीएस के सुपूर्द किया गया है।
तीन टीमों ने जांच की
शहरी क्षेत्र- डॉ. संजीव सचदेव, मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी के नेतृत्व में जांच हुई।
ईंटखेड़ी से गोरा बिशनखेड़ी क्षेत्र- डॉ. आरके जैन, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के नेतृत्व वाली टीम।
बैरागढ़ से फंदा क्षेत्र- एमडी मिश्रा, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के नेतृत्व की टीम।
तालाब पाइंटर्स
– 35 हजार 110.20 हेक्टेयर भोजवेट लैंड का कैचमेंट क्षेत्र।
– 3872.43 हेक्टेयर तालाब का क्षेत्रफल
– 73.90 हेक्टेयर छोटे तालाब का क्षेत्रफल
– 6 मीटर औसत गहराई
– 11 मीटर गहराई है कुछ जगह पर तालाब की
वेटलैंड संरक्षित करने ये किए कामों की स्थिति
– वृक्षारोपण- बैरागढ़ से फंदा, ईंटखेड़ी से गोरा, बिशनखेड़ी, प्रेमपुरा घाट से वन विहार तक, खानूगांव तथा बम्होरी क्षेत्र में सघन पौधरोपण किया था। इसमें से बम्होरी नर्सरी के पास काफी पेड़ हटा दिए गए हैं।
– मिट्टी बहाव रोकने के लिए ईटखेड़ी से गोरा, बिशनखेड़ी क्षेत्र में चेक डेम, सिल्ट ट्रेप, टो-वॉल, ग्रेबियन स्ट्रक्चर बनाए गए थे। ये जीर्ण शीर्ण हो गए। इन्हें ठीक कराने की जरूरत है।
– ऑर्गेनिक फॉर्मिंग के तहत ईंटखेड़ी से गोरा, बिशनखेड़ी क्षेत्र में ऑर्गेनिक फार्मिंग को लेकर किसानों को जानकारी नहीं है।
– नदी तथा बरसाती नालों ईंटखेड़ी से गोरा, बिशनखेड़ी, बैरागढ़ से फंदा तथा शहरी क्षेत्र में तालाब में मिल रहे थे। नालों की सफाईकी जरूरत है।
कोट्स
तालाब किनारे कई तरह के निर्माण है। इसमें बड़े व्यवसायिक निर्माणों को ज्यादा घातक बताया है। रिपोर्ट में इनका जिक्र विशेषरूप से किया गया।
– डॉ. सुभाष सी पांडेय, पर्यावरणविद्

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