नगरीय प्रशासन बिना अनुमति मंत्रालय एनेक्सी में शिफ्ट
नगरीय प्रशासन प्रमुख सचिव ने दूसरे प्रमुख सचिवों से कहा- बिल्डिंग तैयार आप भी आ जाओ...

भोपाल@जीतेंद्र चौरसिया की रिपोर्ट...
मंत्रालय के नए एनेक्सी में शिफ्टिंग को लेकर दो वरिष्ठ आइएएस आपस में भिड़ गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल ने राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) के अफसरों पर नाराजगी जाहिर की है। दूसरी ओर नगरीय विकास एवं आवास के प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल नए भवन में शिफ्ट होने के बाद दूसरे विभागों के प्रमुख सचिवों से कह रहे हैं आप लोग भी आ जाओ।
जीएडी ने लिखित में आपत्ति की है कि बिना मंजूरी और सिक्योरिटी ऑडिट के नए भवन में जाना गलत है। ऐसी स्थिति में कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जवाबदेही नहीं होगी। प्रभांशु कमल ने सोमवार को सीपीए के अफसरों को बुलाकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की। हालांकि, उन्होंने 'पत्रिकाÓ से बातचीत में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
16 को शिफ्ट हुआ नगरीय प्रशासन
नगरीय प्रशासन विभाग 16 जुलाई को नए भवन में शिफ्ट हो गया है। इसके लिए ऐसी जल्दबाजी दिखाई गई कि सीपीए ने 12 जुलाई को जीएडी को सूचना पत्र भेज दिया कि नगरीय प्रशासन विभाग 16 को शिफ्ट हो रहा है। जबकि, जीएडी की एनओसी के बिना कोई भी विभाग एनेक्सी में नहीं जा सकता, क्योंकि एनेक्सी की पूरी जिम्मेदारी उसी की है। नाराज जीएडी ने सीएम सचिवालय को भी पत्र लिखकर उसकी जिम्मेदारी होने से इनकार कर दिया है।
ये होता सिक्योरिटी ऑडिट में
अभी एनेक्सी भवन का सिक्योरिटी ऑडिट नहीं हुआ है। किसी भी सरकारी भवन में विभाग के पहुंचने से पहले यह जरूरी होता है। इसमें विशेषज्ञों की टीम यह देखती है कि जो भवन बना है, वह उचित गुणवत्ता का है या नहीं। आग लगने, प्राकृतिक आपदा सहित अन्य दुर्घटनाओं से निपटने के हिसाब से सिस्टम विकसित हुआ है या नहीं। इसके बाद विशेषज्ञों की टीम अपना सर्टिफिकेट देती है। इसके आधार पर जीएडी एनओसी देता है।
ये होगी दिक्कत
यदि एनेक्सी भवन में कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जवाबदेही तय नहीं की जा सकेगी। इस मामले में सामान्य प्रशासन मंजूरी नहीं होना बता देगा। जबकि, नगरीय प्रशासन को बिना मंजूरी अधिकार नहीं है। सीपीए की जिम्मेदारी केवल निर्माण तक सीमित है।
मंत्रालय में कई बार लगी आग
विंध्याचल भवन में आग लगने की बड़ी घटना हो चुकी है, तब ग्रामीण विकास विभाग का पूरा फ्लोर जल चुका है। इसमें बड़ी संख्या में फाइलें भी जली थीं। इसके अलावा वल्लभ भवन में कई बार आग लगने की घटना हो चुकी है। अगस्त 2016 में सीएम सचिवालय के एक कक्ष में आग लग चुकी है।
इसमें स्वेच्छानुदान के रेकॉर्ड जल गए थे। इसके अलावा नवंबर 2013 में मंत्रालय के गोदाम में आग लग चुकी है। तब भी काफी रेकॉर्ड जल गया था। इसके अलावा खनिज विभाग में भी आग लग चुकी है।
शिफ्टिंग के लिए किसी से मंजूरी की जरूरत ही नहीं है। बैठक व्यवस्था की ड्राइंग मंजूर हुई थी, वही मंजूरी है। जब बिल्डिंग बनी थी तो गृह विभाग सिक्योरिटी ऑडिट कर चुका है।
- जवाहर सिंह, अधीक्षण यंत्री, सीपीए
एनेक्सी की बिल्डिंग हमने ही बनाई है। सिक्योरिटी ऑडिट की जरूरत नहीं। जीएडी के किसी ऐतराज की जानकारी नहीं है। न ही जीएडी एसीएस से मेरी कोई बात हुई है। जीएडी को यदि कोई ऐतराज है तो उसका जवाब दे दिया जाएगा।
- विवेक अग्रवाल, प्रमुख सचिव, शहरी आवास एवं विकास विभाग
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