जबकि 4 हजार आवास बनकर तैयार हैं, इसमें सिर्फ 35 सौ के करीब आवासों की बुकिंग हुई है। पांच सौ माकान अभी तक बुक नहीं हो पाए हैं। इन माकानों को बेचने के लिए निकाय स्तर पर कई बार प्रयास किए गए, लेकिन आवास खरीदने के लिए लोग आगे नहीं आ रहे हैं। भोपाल में लगभग 4 हजार और इंदौर में 5 हजार आवास हैं, जिन्हें निगम को बेचना है।
निकाय करेंगे आवासों की मार्केटिंग
नगर निगम के कर्मचारी आवास बेचने के लिए मार्केटिंग करेंगे। यह सरकारी विभाग, निगम मंडल, संघ सहित अन्य शासकीय संस्थाओं से संपर्क करेगा और अपने प्रस्ताव के संबंध में उन्हें जानकारी देगा। इसके अलावा निजी संस्थाओं से भी आवास बेचने के लिए संपर्क किया जाएगा, लेकिन निजी संस्थाओ को आवास के साथ जमीन की कीमतें भी देनी होगी। जमीन की कीमतों का निर्धारण कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार तय किया जा सकेगा।
आवास बुकिंग के बाद निर्माण
जैसे जैसे आवास बुक होंगे वैसे-वैसे आवास का निर्माण किया जाएगा। जो आवास बुक हो चुके हैं, उसका निर्माण 6 माह से लेकर एक साल के अंदर पूरा किया जाएगा। इसके अलावा परिसर में सड़क, पानी, बिजली, सीवेज लाइन, नाली, पानी निकासी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं निकाय को उपलब्ध कराना होगा। परिसर की बाउंडबाल का निर्माण भी आवास सके साथ ही नगरीय निकायों को करना होगा।