प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक पटवारी भर्ती परीक्षा-2017 के लिए 12 लाख से अधिक आवेदन जमा हुए थे। राज्य के के 51 जिलों में 9235 पदों पर यह भर्ती की जानी है।
8 लाख से अधिक किताबें बिक गईं
पटवारी बनने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों का उत्साह इसी से दिखता है कि करीब तीन दिनों के भीतर करीब 9 लाख किताबें बिकी हैं। जिसकी कीमत करीब 13 करोड़ से अधिक बताई जाती है। भोपाल के पुराने शहर, एमपी नगर न्यू मार्केट और कस्तूरबा नगर में करीब दो दर्जन दुकानें हैं। इसे अलावा इंदौर में तो नई पुरानी किताबों का ही एक बड़ा बाजार है, जहां किताबें खरीदने वालों का मेला लगा रहता है।
पटवारी बनने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों का उत्साह इसी से दिखता है कि करीब तीन दिनों के भीतर करीब 9 लाख किताबें बिकी हैं। जिसकी कीमत करीब 13 करोड़ से अधिक बताई जाती है। भोपाल के पुराने शहर, एमपी नगर न्यू मार्केट और कस्तूरबा नगर में करीब दो दर्जन दुकानें हैं। इसे अलावा इंदौर में तो नई पुरानी किताबों का ही एक बड़ा बाजार है, जहां किताबें खरीदने वालों का मेला लगा रहता है।
किताब का व्यापार करने वाले बताते हैं कि पटवारी भर्ती परीक्षा के लिए की तैयारी के लिए दो दर्जन से अधिक प्रकाशकों ने मॉडल पेपर और किताबें उपलब्ध कराई हैं। पुराने भोपाल के एक किताब व्यापारी का कहना है कि मात्र नवंबर माह में ही पटवारी भर्ती की तैयारी की किताबों की बहुत मांग रही। क्योंकि इसे समय फार्म भी भराना शुरू हो गए थे।
-पूरे सिलेबस वाली लगभग साढ़े तीन लाख किताबों की बिक्री हुई। एक किताब की कीमत ढाई सौ रुपए रखी गई थी।
-5 लाख से ज्यादा मॉडल पेपरों के सेट बिक गए, जिसकी कीमत पचास रुपए थी। परीक्षा की तैयारी का समय कम होने के कारण माडल पेपर की बिक्री भी काफी हुई।
-करीब साढ़े तीन लाख से अधिक अभ्यर्थी ऐसे भी थे, जो अधिक तैयारी करना चाहते थे, जिन्होने दो किताबें एक साथ खरीदी थी। इन किताबों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पंचायती राज शामिल हैं। इनके अलावा मॉडर पेपरों के साट भी बिक गए।
-दुकानदारों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में किताबों की बिक्री कई सालों में हुई है। क्योंकि यह भर्ती परीक्षा कई सालों में निकली है। इससे पहले 2012 में 2761 पदों के लिए परीक्षा हुई थी।
-5 लाख से ज्यादा मॉडल पेपरों के सेट बिक गए, जिसकी कीमत पचास रुपए थी। परीक्षा की तैयारी का समय कम होने के कारण माडल पेपर की बिक्री भी काफी हुई।
-करीब साढ़े तीन लाख से अधिक अभ्यर्थी ऐसे भी थे, जो अधिक तैयारी करना चाहते थे, जिन्होने दो किताबें एक साथ खरीदी थी। इन किताबों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पंचायती राज शामिल हैं। इनके अलावा मॉडर पेपरों के साट भी बिक गए।
-दुकानदारों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में किताबों की बिक्री कई सालों में हुई है। क्योंकि यह भर्ती परीक्षा कई सालों में निकली है। इससे पहले 2012 में 2761 पदों के लिए परीक्षा हुई थी।
पुरानी परीक्षा के आधार पर बनी थी किताबें
प्रकाशकों का कहना है कि सामान्य ज्ञान, सामान्य गणित और सामान्य अभिरुचि, सामान्य हिन्दी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था औरपंचायती राज और कंप्यूटर विज्ञान के पेपर के लिए 2 घंटे 10 मिनट का समय रहेगा। इन सभी विषयों के लिए तीन सौ पन्नों की किताब छापी गई है।
-प्रोफेश्नल एग्जामिनेशन बोर्ड की तरफ से सिर्फ विषय बताए गए हैं, हालांकि उनकी तरफ से कोई सिलेबल जारी नहीं किया गया है। इसलिए पुराने अनुभव के आधार पर प्रश्नों और उसकी तैयारी से संबंधित किताबें छापी गई हैं।
प्रकाशकों का कहना है कि सामान्य ज्ञान, सामान्य गणित और सामान्य अभिरुचि, सामान्य हिन्दी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था औरपंचायती राज और कंप्यूटर विज्ञान के पेपर के लिए 2 घंटे 10 मिनट का समय रहेगा। इन सभी विषयों के लिए तीन सौ पन्नों की किताब छापी गई है।
-प्रोफेश्नल एग्जामिनेशन बोर्ड की तरफ से सिर्फ विषय बताए गए हैं, हालांकि उनकी तरफ से कोई सिलेबल जारी नहीं किया गया है। इसलिए पुराने अनुभव के आधार पर प्रश्नों और उसकी तैयारी से संबंधित किताबें छापी गई हैं।
एक नजर
-पांच साल बाद हो रही है पटवारी भर्ती परीक्षा।
-9235 पदों की भर्ती के बावजूद 9700 से ज्यादा पद फिर भी खाली रह जाएंगे।
-वर्तमान में कुछ रिटायर हो गए इसलिए करीब 6000 पटवारी ही काम कर रहे हैं।
-हर पंचायत को एक हलका माना गया है, पूरे प्रदेश में 26000 हलके हैं।
-इसलिए अभी भी कई पद खाली रह जाएंगे।
-पांच साल बाद हो रही है पटवारी भर्ती परीक्षा।
-9235 पदों की भर्ती के बावजूद 9700 से ज्यादा पद फिर भी खाली रह जाएंगे।
-वर्तमान में कुछ रिटायर हो गए इसलिए करीब 6000 पटवारी ही काम कर रहे हैं।
-हर पंचायत को एक हलका माना गया है, पूरे प्रदेश में 26000 हलके हैं।
-इसलिए अभी भी कई पद खाली रह जाएंगे।