राजधानी भोपाल में रहने वाली फैशन डिजाइनर सपना सिंह परमार कहती है कि हमारे कपड़ो से कोई हमारे संस्कारों को कैसे जज कर सकता है। देश में बलात्कार इसलिए नहीं होते हैं क्योंकि महिलाएं छोटे कपड़े पहनती हैं बल्कि इसलिए कि लोगों को अपनी सोच को बदलना नहीं आता है। उनका कहना है कि सोच बदलो मुख्मंत्री रावत जी, तभी देश बदलेगा। ये एक फैशन है, फैशन को संस्कारों में मत तौलिए।
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वहीं भोपाल की जुबां एक्सपर्ट नेहा केडारे कहती है कि मैं और मेरी बेटी दोनों ही फटी जींस पहनते हैं लेकिन क्या हम संस्कारी नहीं है। हमारे कपड़े बदलने से पहले अपनी मानसिकता बदलिए। संस्कृति व संस्कार कपड़ों से आ रहे होते तो सभी में संस्कार होते। मैं गर्व से पहनूंगी रिप्ड जींस।
माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाली मध्यप्रदेश की पहली बेटी मेघा का कहना है कि इस तरह के बयान एक मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देते हैं। समाज के सामने सोच-समझकर सार्वजनिक बयान देना चाहिए। कपड़ों के आधार पर आप तय नहीं कर सकते है कि कौन संस्कारी है और कौन नहीं। यह बुरी मानसिकता है।
तीरथ सिंह के बयान पर मचा है बवाल
तीरथ सिंह रावत ने कहा एक कार्यक्रम में कहा कि औरतों को फटी हुई जीन्स में देखकर हैरानी होती है. उनके मन में ये सवाल उठता है कि इससे समाज में क्या संदेश जाएगा. उन्होंने कहा, ”मैं जयपुर में एक कार्यक्रम में था और जब मैं जहाज में बैठा, तो मेरे बगल में एक बहन जी बैठी थीं. मैंने जब उनकी तरफ देखा तो नीचे गमबूट थे. जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे. हाथ देखे तो कई कड़े थे. उनके साथ में दो बच्चे भी थे. उन्होंने कहा कि मैंने पूछा तो महिला ने बताया कि वो एनजीओ चलाती हैं. मैंने कहा कि समाज के बीच में घुटने फटे दिखते हैं, बच्चे साथ में हैं, क्या संस्कार हैं ये?”
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीरथ सिंह के बयान के विरोध में तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। देशभर की महिलाओं ने एक सुर में उत्तराखंड सीएम के बयान की निंदा की और कांग्रेस व अन्य राजनैतिक पार्टियों ने भी तीरथ सिंह के बयान को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है।