डॉ. पराग शर्मा के मुताबिक स्पूतनिक वैक्सीन उपलब्ध दोनों वैक्सीन से अलग है। इसे डबल वेक्टर आधारित एडिनो वायरस (ह्यूमन) फु ल लेंथ स्पाइक प्रोटीन तकनीक से तैयार किया गया है। इसमें डेड एडिनो वायरस मानव शरीर में जाता है, यह हानिकारक नहीं होता है। पहली और दूसरी डोज का वॉयल अलग है। ऐसे में सेकेंड डोज बूस्टर डोज की तरह काम करता है। इसका दूसरा डोज 21 दिन में लगवा सकते हैं, जबकि कोवैक्सीन 28 दिन व कोवीशील्ड 84 दिन बाद दूसरा डोज लगता है।
दो डोज ही लगेंगे: चर्चा थी कि स्पूतनिक का सिर्फ एक ही डोज लगवाना होगा, लेकिन यह गलत है। देश में स्पूतनिक वी वैक्सीन सप्लाई हो रही है, जो दोनों डोज लगते हैं। स्पूतनिक लाइट सिंगल डोज वैक्सीन है।
तीनों ही वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार है। लेकिन तुलनात्मक रूप से स्पुतनिक-वी सबसे ज्यादा असरदार मानी जा रही है। कोवैक्सीन की तीसरे फेज केट्रायल के नतीजे हाल ही में आए हैं, इसमें यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 77.8 फीसदी तक असरदार साबित हुई है। वहीं, कोविशील्ड की 62 से 80 फीसदी के बीच असरकारक है। हालांकि अब तक मिले डेटा के आधार पर माना जा रहा है कि अगर कोविशील्ड की दो डोज को दो से तीन महीने के अंतर से लगाया जाता है, तो ये वैक्सीन 90 फीसदी तक प्रभावी है. जबकि, स्पूतनिक-वी 91.6 से 97.6 फीसदी तक प्रभावी साबित है।
कोरोना टीकाकरण केंद्रों पर टीके की कमी और बदइंतजामी हंगामे का कारण बन रहे हैं। बागसेवनियां में टीका लगवाने की होड़ में मारपीट की नौबत आ गई। सुबह से भीड़ थी, लेकिन कुछ किन्नर पहुंचे और पहले टीका लगवाने की कोशिश की तो लोगों ने विरोध किया। सेंटर और नगर निगम की टीम ने मामला शांत कराया। वहीं साकेत नगर, पुराने शहर के डीआइजी बंगला, शाहजहानाबाद क्षेत्र के वैक्सीन सेंटर में भी विवाद हुए। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें कोवीशील्ड के 54 हजार डोज और कोवैक्सीन के 7 हजार डोज मिले थे। इस तरह करीब 60 हजार लोगों का टारगेट तय था, जो लगभग पूरा हो गया। अब जिले में फिलहाल वैक्सीन नहीं है, अगर रविवार तक नहीं आती है, तो सोमवार को टीकाकरण अटक सकता है। मंगलवार को रुटीन वैक्सीनेशन का दिन है, ऐसे में बुधवार को ही वैक्सीन लगाई जाएगी। शनिवार को 58 हजार 896 लोगों ने पहला और दूसरा डोज लगवाया। करीब 15 दिन बाद आंकड़ा 55 हजार के पार पहुंचा है।