इसके बाद स्कूल में पढऩे वाले 2400 बच्चों को काफी परेशान होना पड़ा। इस अव्यवस्था के बाद स्कूल ने अभिभावकों को फोन कर इसकी जानकारी दी और बच्चों को घर ले जाने के लिए कहा। स्कूल पहुंचे अभिभवकों और बस संचालकों के बीच झड़प भी होती रही। एमपी नगर स्थित केवी-1 में मंगलवार को बाल संरक्षण आयोग की टीम पहुंची थी। टीम ने पिं्रसिपल सौरभ जेठली से वैन और बस में जाने वाले बच्चों की जानकारी, ड्राइवर के महत्वपूर्ण दस्तावेज आदि की जानकारी मांगी थी, जिसके बाद कार्रवाई की।
प्रिंसिपल ने बताया कि बच्चों को घर से स्कूल भेजने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है, जो स्वयं आउटसोर्स से बच्चों को स्कूल भेजते हैं। हालांकि बच्चों की शिकायत पर स्कूल की ओर से कार्रवाई जरूर की जाती है। प्रिंसिपल ने बताया कि इस साल स्टूडेंट की डायरी में सभी जानकारी को शामिल किया गया है। इसमेंं बच्चा किस साधन से आता है, बस व वैन संचालकों के मोबाइल नंबर, अभिभावकों के नंबर आदि रहते हैं। यातायात टीआई डीपी चढ़ार ने बताया कि कार्रवाई के दौरान किसी वैन में 25 तो किसी में 23 बच्चे ठूंस-ठूंसकर बैठे हुए देखे गए।
अभिभावक और बच्चे होते रहे परेशान
कार्रवाई के बाद जब बस संचालकों ने बच्चों को घर छोडऩे से मना कर दिया तब बच्चों और अभिभवकों को काफी परेशान होना पड़ा। बच्चों को 3.30 बजे तक अभिभावकों का इंतजार करना पड़ा। वहां पढऩे वाली 11वीं की छात्रा ने बताया कि वह रोज वैन से आती है। उसके पिता बैंक में मैनेजर हैं, जो अभी इंदौर में हैं। मम्मी को फोन कर दिया है। आठवीं के एक छात्र ने बताया कि उसने पापा को फोन पर जानकारी दे दी है।
कार्रवाई के बाद जब बस संचालकों ने बच्चों को घर छोडऩे से मना कर दिया तब बच्चों और अभिभवकों को काफी परेशान होना पड़ा। बच्चों को 3.30 बजे तक अभिभावकों का इंतजार करना पड़ा। वहां पढऩे वाली 11वीं की छात्रा ने बताया कि वह रोज वैन से आती है। उसके पिता बैंक में मैनेजर हैं, जो अभी इंदौर में हैं। मम्मी को फोन कर दिया है। आठवीं के एक छात्र ने बताया कि उसने पापा को फोन पर जानकारी दे दी है।
निरीक्षण के दौरान जिन वैन और बसों में कमियां पाई गई हैं, उनपर आरटीओ ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आज मौके से चार वैन और दो बसों को जब्त किया गया है।
ब्रजेश चौहान, सदस्य, बाल अधिकार संरक्षण आयोग
ब्रजेश चौहान, सदस्य, बाल अधिकार संरक्षण आयोग
आयोग ने जो जानकारी मांगी, हमने दे दी। बस व वैन संचालकों के कारण जो अव्यवस्था हुई, उसकी जानकारी अभिभावकों को भी दे दी गई है।
सौरभ जेठली, पिं्सिपल, केवी-1 स्कूल प्रशासन के पास बस की सुविधा होनी चाहिए। इससे बच्चे आसानी से घर से स्कूल और स्कूल से घर जा सकेंगे।
-बीआर चोटेला, अभिभावक
सौरभ जेठली, पिं्सिपल, केवी-1 स्कूल प्रशासन के पास बस की सुविधा होनी चाहिए। इससे बच्चे आसानी से घर से स्कूल और स्कूल से घर जा सकेंगे।
-बीआर चोटेला, अभिभावक
वैन संचालक ने बच्चे को घर पहुंचाने से अचानक मना कर दिया। ऐसे में यदि स्कूल प्रशासन के पास ट्रांसपोर्ट की सुविधा होती तो इस तरह की अव्यवस्था नहीं होती।
-नरेश कल्याण, अभिभावक
-नरेश कल्याण, अभिभावक