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कान्हा टाइगर रिजर्व में सजा काट रहे बाघ को मिला वन विहार में घर, नाम रखा सरन

locationभोपालPublished: Jun 07, 2020 09:06:06 am

Submitted by:

praveen malviya

– 2018 में महाराष्ट्र से आया प्रदेश में बैतूल के सारणी के गंाव में पहुंच जाने पर किया गया था रेस्क्यू
– अमरावती में दो लोगों पर किया था हमला, रेस्क्यू करके रखा गया था कान्हा रिजर्व में
– बार-बार आबादी इलाके में पहुंचने के चलते कान्हा के बाड़े में रखा था, अब वन विहार में रहेगा

कान्हा टाइगर रिजर्व में सजा काट रहे बाघ को मिला वन विहार में घर, नाम रखा सरन

van vihar news

भोपाल. बार-बार आबादी में पहुंचने की आदत के चलते मण्डला के कान्हा टाइगर रिजर्व के बाड़े रह रहे नर बाघ को वन विहार में जगह मिली है। नर बाघ को चिकित्सकों की टीम शनिवार सुबह 10.30 बजे वन विहार लेकर पहुंची। वन विहार में बाघ को क्वारेंटाइन में रखा गया है। युवा नर बाघ 2018 में महाराष्ट्र के रास्ते बैतूल में दाखिल हुआ था। लेकिन फिर इस बाघ के नागरिकों से आमना-सामना होने के मामले सामने आने लगे। बाघ ने अमरावती जिले में दो लोगों पर जानलेवा हमला किया था। बाद में दिसंबर 2018 में भटक कर यह बैतूल आ गया था। फिर इसे 11 दिसंबर 2018 को बैतूल के सारणी कस्बे के रिहायशी इलाके से रेस्क्यू कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में प्राकृतिक रहवास में छोड़ा गया यह बाघ एक बार फिर से रिहायशी इलाके में पहुंच गया और बैतूल जिले के सारणी कस्बे के रिहायशी क्षेत्र में कुछ लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद 10 फरवरी 2019 को इसे दोबारा रेस्क्यू कर कान्हा के घोरेला बाड़ा में रखा गया था। आखिरकार इस बाघ को खुले वन में छोडऩे के बजाए वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में रखने का निर्णय लिया गया। बाघ को शनिवार को वन विहार लाया गया। बाघ को वन विहार प्रशासन ने सात दिन के लिए क्वारेंटाइन किया है। क्वारेंटाइन पूरा होने के बाद, वन विहार प्रबंधन तय करेगा कि इस बाघ को डिस्प्ले में रखा जाए या नहीं। वन विहार में अब कुल 14 बाघ हो गए हैं।

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