इधर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा है कि अगर कांग्रेस को राष्ट्रगीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर इसके गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें। हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदेमातरम् मैं गाऊंगा। उल्लेखनीय है तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने जून २००५ में हर माह के पहली तारीख को वंदेमातरम् गायन के निर्देश दिए थे। तब से यह परम्परा चली आ रही थी।
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सिर्फ एक दिन के गायन को देशभक्ति से जोडऩा गलत –
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सिर्फ एक दिन वन्देमातरम् गान से किसी की देशभक्ति या राष्ट्रीयता परिलिक्षित नहीं होती है। सिर्फ एक दिन के गायन को देशभक्ति व राष्ट्रीयता से जोडऩा गलत है। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग वन्देमातरम् गायन नहीं करते है तो क्या वे देशभक्त नहीं है? नाथ बोले, राष्ट्रीयता या देशभक्ति का जुड़ाव दिल से होता है। इसे प्रदर्शित करने की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सिर्फ एक दिन वन्देमातरम् गान से किसी की देशभक्ति या राष्ट्रीयता परिलिक्षित नहीं होती है। सिर्फ एक दिन के गायन को देशभक्ति व राष्ट्रीयता से जोडऩा गलत है। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग वन्देमातरम् गायन नहीं करते है तो क्या वे देशभक्त नहीं है? नाथ बोले, राष्ट्रीयता या देशभक्ति का जुड़ाव दिल से होता है। इसे प्रदर्शित करने की आवश्यकता नहीं है।
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भाजपा आज करेगी गायन – कांग्रेस सरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा ने निर्णय लिया है कि वे बुधवार सुबह १०.३० बजे मंत्रालय के सामने उद्यान में वंदेमातरम् का गायन करेंगे।
भाजपा आज करेगी गायन – कांग्रेस सरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा ने निर्णय लिया है कि वे बुधवार सुबह १०.३० बजे मंत्रालय के सामने उद्यान में वंदेमातरम् का गायन करेंगे।