नव बहार सब्जी मंडी का न तो पिछले साल ठेका हुआ और न ही इस साल ठेका देने की कोई उम्मीद दिखाई दे रही है। मजे की बात यह है कि नगर निगम कर्मचारी भी अब यहां से तय बजारी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। दबंग दुकानदारों ने भी इसका लाभ उठाना शुरू कर दिया है। निगम कर्मचारी जब यहां वसूली करने जाते है तो दुकानदार उन्हें इसे औकाफ की जगह बता कर पर्ची तक नहीं कटवा रहे हैं।
निगम अधिकारी ने बताया कि कुछ लोग अवैध रूप से वहां वसूली भी कर रहे हैं। रोजाना हो रहे वसूली के दौरान विवाद को लेकर हनुमानगंज थाने और मंगलवारा थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी है। महापौर को भी इस मामले से अवगत कहा दिया गया है।
सीधी बात, (आलमगीर, जोनल अधिकारी)
सवाल-पिछले साल भी मंडी का ठेका नहीं हुआ, इस साल भी कोई योजना नजर नहीं आ रही है।
जवाब-मंडी में बस स्टैंड बनना है, इस कारण ठेका तो नहीं हुआ है, लेकिन वसूली में सुधार हुआ है। जिन लोगों पर हमने कार्रवाई की थी, वह कुछ व्यापारियों के साथ मिलकर यहां वसूली में विवाद खड़े करवा रहे हैं।
सवाल-क्यों हो रहे है विवाद, इसकी मुख्य वजह क्या है।
जवाब-5 फरवरी 18 को जब मैंने यहां ज्वाइन किया। मंडी से पंद्रह सौ से दो हजार रुपए ही जमा हो रहे थे। अवैध वसूली करने वाले रिटायर कर्मचारी को रोका, उसका परिणाम यह निकला की कुछ व्यापारी औकाफ का हवाला देकर खुद वसूली करने लगे। इसे लेकर हाल ही में दो तीन बार विवाद हुआ है। हमने मंगलवार हनुमागंज थाने में मामला दर्ज करवा दिया है और उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी है।
पचास साल से मंडी की वसूली निगम करता आ रहा है। मंडी में एक साल से फर्जीवाड़ा चल रहा है। निगम को वसूली तक नहीं करने दी जा रही है। इसे लेकर सख्त कार्रवाई हो या मंडी को खत्म कर दिया जाए। दुकानें कृषि उपज मंडी करोद में शिफ्ट कर दी जाना चाहिए। इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया है।
-संजीव गुप्ता, अध्यक्ष, जोन