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स्मार्ट पार्किंग के लिए समय पर दें पैसा, सुरक्षा की उम्मीद न करें

locationभोपालPublished: Aug 20, 2018 07:38:35 am

Submitted by:

Bharat pandey

न्यू मार्केट के व्यापारियों के मंथली पार्किंग पास के लिए भी अजीब शर्त

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भोपाल। बाजार में आपके वाहनों की पुख्ता सुरक्षा के दावों के साथ शुरू की गई स्मार्ट पार्किंग वाहन चालकों से ठगी का स्थान बन गया है। शनिवार को स्मार्ट पार्किंग से वाहन चोरी के मामले ने इस पर मुहर भी लगा दी है। सीसीटीवी कैमरों, मोबाइल ऐप और तमाम तरह से सुरक्षा और निगरानी के दावे दिखावटी रह गए हैं।

ये स्थिति तब है जब ठेका एजेंसी माइंडटेक ने नगर निगम से शहर में पार्किंग के 58 स्थल महज 25 लाख रुपए में लिए और इनसे प्रतिमाह एक करोड़ रुपए की कमाई कर रही है। व्यापारियों को जारी किए जा रहे मंथली पास की शर्तों में स्पष्ट किया है कि शुल्क समय पर नहीं दिया तो पेनाल्टी लगेगी, लेकिन वाहनों की सुरक्षा की उम्मीद माइंडटेक से न करें। पत्रिका के पास माइंडटेक-व्यापारियों के बीच का ये शर्तनामा है। रविवार को अन्य स्मार्ट पार्किंग में रिटर्न पर्ची नहीं दी गई। इसे लेकर विवाद की स्थिति भी बनी।

न्यू मार्केट से प्रतिमाह 3.20 लाख रुपए लेंगे, 800 पास देने का दावा
माइंडटेक कंपनी ने न्यू मार्केट मल्टीलेवल पार्किंग में करीब 800 व्यापारियों को पास देने का दावा किया है। औसतन प्रतिवाहन 400 रुपए के हिसाब से 3.20 लाख रुपए प्रतिमाह बन रहे हैं। पास के लिए भराए गए फॉर्म के पीछे कुल दस शर्तें तय की है। आखिरी शर्त के बाद लिखा है कि कांट्रेक्टर या उसका कर्मचारी वाहन की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का जिम्मेदार नहीं रहेगा।
पहली बार फुल हुई मल्टीलेवल पार्किंग
न्यू मार्केट की मल्टीलेवल पार्किंग पहली बार रविवार को भरी हुई नजर आई। 3000 वाहनों की क्षमता वाली इस मल्टीलेवल पार्किंग के सभी फ्लोर रविवार को पूरी तरह से भर गए। स्थिति यह रही कि पार्किंग कर्मचारियों को बाहर खड़े होकर कई वाहन चालकों को लौटाना पड़ा।
माइंडटेक के अफसर बोले- सब कुछ ठीक है
माइंडटेक एरिया मैनेजर सोनिया पाठक का जिम्मा है कि उपभोक्ताओं की शिकायतों को सुनें और दूर करें, लेकिन रविवार को उन्होंने एक भी कॉल रिसीव नहीं किया है। कंपनी के क्षेत्रीय प्रभारी हरीश नायर का कहना है कि पार्किंग की शर्तें सोच-समझकर तय की है। निगम की ओर से स्मार्ट पार्किंग को अपर आयुक्त कमल सोलंकी देख रहे हैं। उन्हें शर्तों और नियमों की ही जानकारी नहीं है।

कंपनी और निगम अफसरों के साथ बैठकर स्थिति स्पष्ट करेंगे
स्मार्ट पार्किंग वाहनों की सुरक्षा के लिए ही बनाई है। यदि यहां पर ठेका एजेंसी ध्यान नहीं दे रही है तो बेहद गलत है। लोगों का विश्वास कम होगा। हम कंपनी और निगम अफसरों के साथ बैठकर स्थिति स्पष्ट करेंगे।
आलोक शर्मा, महापौर

तो कोर्ट इसमें आगे की कार्रवाई का कह सकती है
अनुबंध की शर्तों के आधार पर ही कोर्ट मामले को देखती है। इतना जरूर है कि यदि कोई जनहित में शर्तों और सेवाओं को तय करने में ही गलती को आधार बनाकर मामला दर्ज कराए तो कोर्ट इसमें सुधार और आगे की कार्रवाई का कह सकती है।
यावर खान, एडवोकेट

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