केंद्र सरकार ने इसी साल से स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 साल या इससे ज्यादा पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की तैयारी की थी। अब इसे 2024 तक बढ़ा दिया गया है। बहरहाल, पुलिस मुख्यालय की रिसर्च में खुलासा हुआ है कि पुराने वाहनों में सिक्योरिटी फीचर अपडेट नहीं होते। इस कारण हादसों की आशंका और इनमें लोगों की मौत के मामले अधिक होते हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में पांच लाख से ज्यादा वाहन 15 साल या इससे पुराने हैं। उधर, मालवाहक और यात्री वाहनों में ओवरलोडिंग भी हादसों की प्रमुख वजह बनकर सामने आई है। एक साल में ओवरलोड वाहनों की वजह से 5902 एक्सीडेंट हुए, जिनमें 1377 लोगों की मौत हुई।
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कितने पुराने वाहनों से दुर्घटनाएं
वाहनों की उम्र—हादसे—मौत—गंभीर घायल
पांच वर्ष से कम–12263–3079–1669
पांच से दस साल–9995–2751–1098
दस से 15 साल–7101–1624–819
15 साल से अधिक–8936–2173–1165
नोट- आंकड़े 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक
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मालवाहक और यात्री वाहनों में ओवरलोडिंग भी हादसों की प्रमुख वजह बनकर सामने आई है।
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