scriptगुमठियों की जगह गाडिय़ों ने ली, नियमों का खुला उल्लंघन | Vehicles took the place of gums, open violation of rules | Patrika News

गुमठियों की जगह गाडिय़ों ने ली, नियमों का खुला उल्लंघन

locationभोपालPublished: Sep 28, 2021 01:14:59 am

Submitted by:

Rohit verma

जिम्मेदार कर रहे अनदेखी: शाहपुरा तालाब के किनारे और कैंपियन स्कूल के सामने सबसे ज्यादा परेशानी

गुमठियों की जगह गाडिय़ों ने ली, नियमों का खुला उल्लंघन

गुमठियों की जगह गाडिय़ों ने ली, नियमों का खुला उल्लंघन

भोपाल. पुरानी-कबाड़ गाडिय़ों को खानपान सेंटर के तौर पर उपयोग में लाने का चलन बढ़ गया है। ये मोटर व्हीकल एक्ट और नगर पालिक निगम के प्रावधानों का उल्लंघन है। शाहपुरा तालाब किनारे चौपाटी पर ये सबसे ज्यादा है। इसके अलावा ऑनव्हील आइस्क्रीम पार्लर से लेकर ज्यूस सेंटर और अन्य वस्तुओं की बिक्री के लिए इन्हें दुकानों का स्वरूप दिया है। हैरानी है कि पुलिस से लेकर निगम प्रशासन के जिम्मेदार अफसर इन्हें लगातार अनदेखा कर रहे हैं।
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत किसी भी वाहन का मूल स्वरूप नहीं बदला जा सकता है। इसके लिए आरटीओ व संबंधित एजेंसियों की अनुमति जरूरी है। यही वजह है कि पुरानी जीप व कार के मोडिफिकेशन को लेकर प्रशासन व आरटीओ, अपने स्तर पर कार्रवाई करने की बात कहते हैं। हालांकि कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है। इसी तरह नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत गुमटी का आकार तय है और इन्हें भी अनुमति लेकर ही संचालित किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।
ये हैं परेशानियां
ऑनव्हील दुकानें मनमर्जी से सड़कों और बाजारों में कहीं भी खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे जाम की स्थिति बनती है। कई कबाड़ वाहनों को एक ही जगह रखा जा रहा है। यहां इनके टायर पंचर होकर जम जाते हैं। इससे दिक्कत बढ़ रही है।
वाहन पर दुकान को लेकर नियम दिखवाए जाएंगे। नियमों से ही दुकानें लगे और तय जगह पर ही लगे, इसे सुनिश्चित करेंगे। निगम संबंधित अफसरों के साथ इस मामले में चर्चा कर कार्रवाई करेंगे।
कविंद्र कियावत, प्रशासक नगर निगम
बिजली संबंधी मामलों निराकरण में हुई देरी
इधर, बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से सोमवार को शहर की बिजली संबंधी शिकायतों की सुनवाई प्रभावित हुई। भोपाल में करीब पांच हजार आउटसोर्स कर्मचारी हैं और हड़ताल की वजह से काफी ने काम बंद कर रखा। इससे उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई में चार से पांच घंटा देरी हुई। निगम के नियमित कर्मचारी ही काम पर रहे। कर्मचारियों ने भोपाल के बिजली गेट पर प्रदर्शन भी किया।

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