मोटर व्हीकल एक्ट के तहत किसी भी वाहन का मूल स्वरूप नहीं बदला जा सकता है। इसके लिए आरटीओ व संबंधित एजेंसियों की अनुमति जरूरी है। यही वजह है कि पुरानी जीप व कार के मोडिफिकेशन को लेकर प्रशासन व आरटीओ, अपने स्तर पर कार्रवाई करने की बात कहते हैं। हालांकि कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है। इसी तरह नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत गुमटी का आकार तय है और इन्हें भी अनुमति लेकर ही संचालित किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।
ये हैं परेशानियां
ऑनव्हील दुकानें मनमर्जी से सड़कों और बाजारों में कहीं भी खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे जाम की स्थिति बनती है। कई कबाड़ वाहनों को एक ही जगह रखा जा रहा है। यहां इनके टायर पंचर होकर जम जाते हैं। इससे दिक्कत बढ़ रही है।
ऑनव्हील दुकानें मनमर्जी से सड़कों और बाजारों में कहीं भी खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे जाम की स्थिति बनती है। कई कबाड़ वाहनों को एक ही जगह रखा जा रहा है। यहां इनके टायर पंचर होकर जम जाते हैं। इससे दिक्कत बढ़ रही है।
वाहन पर दुकान को लेकर नियम दिखवाए जाएंगे। नियमों से ही दुकानें लगे और तय जगह पर ही लगे, इसे सुनिश्चित करेंगे। निगम संबंधित अफसरों के साथ इस मामले में चर्चा कर कार्रवाई करेंगे।
कविंद्र कियावत, प्रशासक नगर निगम
कविंद्र कियावत, प्रशासक नगर निगम
बिजली संबंधी मामलों निराकरण में हुई देरी
इधर, बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से सोमवार को शहर की बिजली संबंधी शिकायतों की सुनवाई प्रभावित हुई। भोपाल में करीब पांच हजार आउटसोर्स कर्मचारी हैं और हड़ताल की वजह से काफी ने काम बंद कर रखा। इससे उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई में चार से पांच घंटा देरी हुई। निगम के नियमित कर्मचारी ही काम पर रहे। कर्मचारियों ने भोपाल के बिजली गेट पर प्रदर्शन भी किया।
इधर, बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से सोमवार को शहर की बिजली संबंधी शिकायतों की सुनवाई प्रभावित हुई। भोपाल में करीब पांच हजार आउटसोर्स कर्मचारी हैं और हड़ताल की वजह से काफी ने काम बंद कर रखा। इससे उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई में चार से पांच घंटा देरी हुई। निगम के नियमित कर्मचारी ही काम पर रहे। कर्मचारियों ने भोपाल के बिजली गेट पर प्रदर्शन भी किया।