पूरी तरह से ऑटोमेटेड इस वेलनेस सेंटर में ईसीजी के अलावा गर्भाशय के कैंसर की जांच, टीबी जांच, बच्चों की श्रवण शक्ति की जांच की सुविधा मरीजों को मिलेगी। इसके साथ ही मरीजों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से दिल्ली में बैठे चिकित्सकों से उपचार भी मिलेगा। एमवीएम का निर्माण सामाजिक संस्था विश फाउंडेशन द्वारा किया गया है।
इस तरह से करेगी काम
मरीज के आने के बाद नर्स ऑटोमेटिक मशीन से मरीज का बीपी, शुगर, पल्स और टैम्परेचर काउंट करेगी। इन जानकारियों को दिल्ली स्थित सेंटर में भेजने के बाद मरीज ऑनलाइन डॉक्टर से बात कर सकेगा। डॉक्टर जो भी प्रिस्क्रिप्शन लिखेगा वह मशीन तक पहुंच जाएगा। मशीन से 80 तरह की दवाएं प्राप्त की जा सकेंगी। ‘प्रिस्क्रिप्शन कंप्यूटर जनरेटेड है और इस पर बारकोड है, जिससे यह मशीन डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाई मरीज को दे देती है। इसे डवलेप करने वाली कंपनी ने दावा किया है कि मशीन एक बार में 100 तरह की दवाएं जैसे टेबलेट, कैप्सूल या सिरप स्टोर कर सकती है।
मरीज के आने के बाद नर्स ऑटोमेटिक मशीन से मरीज का बीपी, शुगर, पल्स और टैम्परेचर काउंट करेगी। इन जानकारियों को दिल्ली स्थित सेंटर में भेजने के बाद मरीज ऑनलाइन डॉक्टर से बात कर सकेगा। डॉक्टर जो भी प्रिस्क्रिप्शन लिखेगा वह मशीन तक पहुंच जाएगा। मशीन से 80 तरह की दवाएं प्राप्त की जा सकेंगी। ‘प्रिस्क्रिप्शन कंप्यूटर जनरेटेड है और इस पर बारकोड है, जिससे यह मशीन डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाई मरीज को दे देती है। इसे डवलेप करने वाली कंपनी ने दावा किया है कि मशीन एक बार में 100 तरह की दवाएं जैसे टेबलेट, कैप्सूल या सिरप स्टोर कर सकती है।
दिल्ली और बैंग्लुरू के डॉक्टर देंगे रिपोर्ट वेलनेस सेंटर पर राज्य सरकार के दो डॉक्टर और पांच नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी करेगा। विश फ ाउंडेशन के डॉक्टर दिल्ली और बैंग्लुरू से वीडियो कॉन्फ्रे सिंग के जरिए मरीजों का इलाज करेंगे। मंत्री सारंग ने बताया कि फिलहाल टेलीमेडिसिन के लिए दो सेंटर दिल्ली और बैंग्लुरू में बनाए गए हैं। मरीजों की संख्या बढऩे पर इन सेंटर्स को भी बढ़ाया जाएगा।
तीन साल में तीस बिस्तर का अस्पताल
मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि बहुत जल्द इस सेंटर को दस बिस्तरों के अस्पताल में तब्दील किया जाएगा। यहां इमरजेंससी के साथ प्रसूताओं को भर्ती करने और प्रसव की सुविधाएं तैयार की जाएंगी। इसके बाद हमारा लक्ष्य है कि अगले तीन साल में तीस बिस्तरों का अस्पताल यहां संचालित करें। इससे जेपी और हमीदिया अस्पताल पर पडऩे वाला बोझ कम हो सके।
मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि बहुत जल्द इस सेंटर को दस बिस्तरों के अस्पताल में तब्दील किया जाएगा। यहां इमरजेंससी के साथ प्रसूताओं को भर्ती करने और प्रसव की सुविधाएं तैयार की जाएंगी। इसके बाद हमारा लक्ष्य है कि अगले तीन साल में तीस बिस्तरों का अस्पताल यहां संचालित करें। इससे जेपी और हमीदिया अस्पताल पर पडऩे वाला बोझ कम हो सके।
यह होंगी सुविधाएं
– मोबाइल के आकार की मशीन से इसीजी
– स्मार्ट फोन सेंटर में कैंसर की जांच की सुविधा
– ऑटोमेटिक मशीन से टीबी की जांच, रिपोर्ट भी तत्काल
– प्रसव पूर्व जांच और देखभाल
– मरीजों को इलाज के साथ योग की सुविधा
– नवजात शिशु में बहरेपन की जांच सुविधा
– मोबाइल के आकार की मशीन से इसीजी
– स्मार्ट फोन सेंटर में कैंसर की जांच की सुविधा
– ऑटोमेटिक मशीन से टीबी की जांच, रिपोर्ट भी तत्काल
– प्रसव पूर्व जांच और देखभाल
– मरीजों को इलाज के साथ योग की सुविधा
– नवजात शिशु में बहरेपन की जांच सुविधा