मान्यता है कि शुक्र प्रधान जातक सांसारिक सुख और ऐश्वर्य का भोग करने में सभी प्रकार के जातकों से आगे होते हैं। इतना ही नहीं कुछ जानकार तो ये तक मानते हैं कि यदि आप की कुण्डली में कालसर्प दोष है, जो आपकी सरकारी नौकरी के लिए तक परेशानी का विषय बन रहा है। तो भी शुक्र अच्छा venus effect होने पर वह फिर सरकारी नौकरी दिलवा देता है।
इसके अलावा माना जाता है कि शुक्र प्रधान जातक सिनेमा, रंगमंच, चित्रकारी और नृत्य कला आदि क्षेत्रों से संबंध रखते हैं। किसी व्यक्ति के जीवन में दाम्पत्य जीवन के सुख का अध्ययन भी शुक्र की स्थिति पर निर्भर करता है।
कला, प्रेम और वैवाहिक सुख का कारक शुक्र ग्रह shukra effects इस बार 14 मई 2018, सोमवार को 20:59 बजे मिथुन राशि में गोचर करेगा और 9 जून 2018 तक इसी राशि में स्थित रहेगा।
वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि गणनानुसार यह गोचर मंगलवार, 15 मई 2018 से अपने प्रभाव देने खासतौर से शुरू करेगा। इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा के अनुसार भाग्य सहित वैभव-विलासिता का कारक शुक्र मिथुन राशि में प्रवेश करने के बाद समस्त 12 राशियों shukra effects on rashifal को भी प्रभावित करेगा।
पंडित शर्मा के अनुसार शुक्र के मिथुन राशि में प्रवेश का आपकी राशि पर कई उचित व अनुचित प्रभाव venus transit on rashifal भी होंगे। इन्हीं सब को देखते हुए उन्होंने इस दौरान अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में भी बताया।
ऐसे प्रभावित करेगा शुक्र, ये हैं उपाय venus transit on your rashifal … 1. मेष : आपकी राशि से तीसरे भाव में शुक्र गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान एक नए रिश्ते की शुरुआत हो सकती है और आपके पार्टनर को लाभ की प्राप्ति हो सकती है। इस दौरान आप भाई-बहनों की मदद करेंगे जिससे उन्हें राहत मिलेगी। आस-पास की जगह पर यात्रा के लिए जा सकते हैं जिससे आप काफी अच्छा महसूस करेंगे। अच्छे कामों को करने का प्रयास करेंगे। खुद को सामाजिक तौर पर आप उभारना चाहेंगे जिस कारण आपको शायद लाभ न मिल सके लेकिन समाज में नाम व प्रसिद्धि ज़रूर मिलेगी।
उपाय: गाय को रोज़ चारा डालें। 2. वृषभ : आपकी राशि से दूसरे भाव में शुक्र गोचर करेगा। ये गोचर आपके जीवन के लिए समृद्ध समय साबित होगा। इस दौरान आप अच्छी रकम जमा कर पाएंगे। मुख से निकली हर एक बात दूसरे के दिलों को छु जाएगी और आपके प्रति सकारात्मक प्रभाव पैदा करेगी। इस बीच परिवार में कोई शुभ कार्य भी हो सकता है। यदि किसी वाद-विवाद या कानूनी मामलों में फंसे हैं तो फैसला आपके पक्ष में ही आएगा। आपके पार्टनर की तबियत थोड़ी कमजोर रह सकती है। कार्यस्थल पर समय अनुकूल रहेगा।
उपाय: अनामिका यानि रिंग फिंगर में अच्छी क्वालिटी का हीरा पहनें या प्रति दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करें। 3. मिथुन : आपकी ही राशि में शुक्र गोचर करेगा और प्रथम भाव में स्थित रहेगा। जिससे आपके व्यक्तित्व में निख़ार आएगा। इस प्रभावशाली व्यक्तित्व से लोग आपकी ओर आकर्षित होंगे। इस गोचर के दौरान आपके अंदर नई चीजों को सीखने की इच्छा बढ़ेगी और इस ज्ञान को हासिल करके आप बुलंदियों को छू भी सकते हैं। वहीं अपने अंदर छिपे किसी कलात्मक गुण के उभरने से आपको मानसिक शांति व खुशी भी मिल सकती है। इसके अलावा विदेशियों या विपरीतलिंग के लोगों के द्वारा दी गई सलाह आपके लिए लाभकारी साबित होगी। शुक्र का ये गोचर आपके प्रेम संबंधों व रोमांटिक लाइफ में नयापन लाएगा। साथ ही आप कार्यस्थल पर भी अपने काम को एंजॉय करेंगे।
उपाय: ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः मंत्र का उच्चारण करें !! 4. कर्क : आपकी राशि से बारहवें भाव में शुक्र गोचर करेगा। इस दौरान आप सुख-सुविधाओं का आनंद लेंगे, इससे आपके खर्चें भी बढ़ेंगे। इस दौरान बिजनेस व व्यावसायिक उद्देश्यों के कारण विदेश यात्रा भी हो सकती है या फिर पारिवारिक मनोरंजन के लिए भी ये यात्रा संभव है। स्वभाव में रोमांस घुलने से दांपत्य जीवन का सुख प्राप्त होगा। मन शांत होगा तो अच्छी नींद आएगी। आपके पार्टनर इस बीच नौकरी बदलने का प्लान बना सकते हैं।
उपाय: हर शुक्रवार कन्याओं को मिश्री खिलाएं। 5. सिंह : आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में शुक्र गोचर करेगा। आपके द्वारा इस दौरान किए गए लगभग सभी प्रयास सफल होंगे। ये गोचर काल आपके लिए सफलता लेकर आ सकता है। इतना ही नहीं जीवन में खोया हुआ रोमांस वापस आएगा और आप दोनों ही प्यार के गीत गुनगुनाएंगे। आप सामाजिक गतिविधियों में शामिल होंगे और अपने दोस्तों व प्रियजनों के संग इन समारोहों में अच्छा समय बिताएंगे। भाई-बहनों द्वारा आर्थिक सहायता प्राप्त होगी। कलात्मक कार्य के जरिए लाभ भी कमा सकते हैं।
उपाय: हर रोज़ मां दुर्गा की पूजा करें। 6. कन्या : आपकी राशि से दसवें भाव में शुक्र ग्रह गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान कॅरियर के ग्राफ में बढ़ोत्तरी देखने काे मिलेगी साथ ही कार्य स्थल पर भी कुछ बदलाव जैसे जॉब चेंज या ट्रांसफर आदि हो सकते हैं। घरेलू ज़िंदगी शांति के साथ आगे बढ़ती रहेगी। सामान्य रूप से किसी महिला से मदद मिल सकती है। संभव है कि उनकी इस सहायता और समर्थन से आप आगे बढ़ने में सक्षम हों। ऐसे में महिलाओं के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाएं और उनका सम्मान करें।
उपाय: माथे पर हर रोज़ सफेद चंदन का तिलक लगाएं। 7. तुला : आपकी राशि से नौवें भाव में शुक्र ग्रह गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान आपको अचानक ही किसी लाभ की प्राप्ति हो सकती है तो वहीं दूसरी तरफ पिता की सेहत बिगड़ सकती है। इस बीच जीवन में कुछ बड़ा प्राप्त होगा। पिता के प्रति समर्पित रहेंगे और अच्छे कर्म करेंगे। लंबी यात्रा का योग बन सकता है और किस्मत पर विश्वास होने लग जाएगा। इस गोचर से भाई-बहनों को सुख प्राप्त हो सकता है।
उपायः नहाने के बाद शुक्रवार को घर में शुक्र यंत्र स्थापित करें। 8. वृश्चिक : आपकी राशि से आठवें भाव में शुक्र ग्रह गोचर करेगा। इस दौरान आपकी निजी ज़िंदगी खासतौर पर शादीशुदा जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे कुछ हानि भी हो सकती हैं और आपका ध्यान वासनात्मक क्रियाओं में हो सकता है। आपको सामान्य रूप से महिलाओं के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनाए रखने की ज़रूरत है। अचानक से कोई बात या ख़बर आपके करियर लाइफ में बाधा उत्पन्न कर सकती है। इस बीच ससुराल पक्ष के लोगों से मुलाकात हो सकती है और आपकी तबियत में गिरावट भी देखने को मिल सकती है।
उपाय: शुक्रवार को चावल दान करें। 9. धनु : आपकी राशि से शुक्र सातवें भाव में गोचर करेगा, इसके फलस्वरूप वैवाहिक जीवन में आनंद की प्राप्ति होगी। पार्टनर के संग अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। छोटी-छोटी नोंक-झोक के साथ आप अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को एंजॉय करेंगे। अपने पार्टनर की चाहत को पूरा करने के लिए कुछ बड़ा ख़र्च भी कर सकते हैं। लोगों के प्रति आपका नज़रिया अच्छा होगा और आपके व्यक्तित्व में सुधार आएगा। आसपास के लोग आपसे प्रभावित होंगे और व्यावसायिक स्थिति सुधरेगी।
उपाय: शुक्रवार को अरंद मूल पहनें। 10. मकर : आपकी राशि से शुक्र छठे भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपके काम में निपुणता आएगी और कड़ी मेहनत करने से लाभ की प्राप्ति होगी। सट्टेबाजी, जुआ, शेयर इत्यादि के माध्यम से भी लाभ मिल सकता है। इस बीच आप अपने बैंक लोन व अन्य ऋण चुकाने में सक्षम रहेंगे। ख़र्चों में वृद्धि होगी और कार्य स्थल पर किए गए प्रयास अनुकूल परिणाम देंगे। हालांकि बच्चों के साथ किसी प्रकार की अनबन हो सकती है।
उपाय: इस मंत्र का उच्चारण करें- ऊं शुः शुक्राय नमः। 11. कुंभ : आपकी राशि से शुक्र ग्रह पांचवें भाव में गोचर करेगा। ये समय आपके लिए काफी प्रगतिशील साबित होगा। बेहतर अवसर मिलने पर आप अपनी वर्तमान नौकरी को बदलने का फैसला ले सकते हैं। इस दौरान आपकी लव लाइफ भी सुधरेगी। संबंधों को बनाएं रखने के लिए शॉपिंग, रोमांस जैसी चीज़ों पर ज़ोर रहेगा। इसके साथ ही लव मैरिज के योग बन रहे हैं। आपकी आय में वृद्धि से बच्चों को लाभ मिल सकता है। छात्रों के लिए भी ये काफी सुनहरा समय है।
उपाय: किसी जानकार को दिखाने के बाद अनामिका यानि रिंग फिंगर में उत्तम क्वालिटी का दुधिया पत्थर जिसे ओपल कहते हैं पहनें। 12. मीन : शुक्र आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करेगा जिससे निजी ज़िंदगी में संतुलन आएगा। माता-पिता खासतौर पर माता की तबियत बिगड़ सकती है। आप अपने अंदर खुशी का अनुभव करेंगे। कार्यस्थल पर आप उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन करेंगे जिससे आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा। भाई-बंधुओं द्वारा किया गया समर्थन आपको खुशी देगा। इसके अलावा अचानक कोई सुखद समाचार मिल सकता है।
उपाय: हर रोज गाय को रोटी खिलाएं। जाने शुक्र के बारे में ये खास:
इसके अलावा पंडित शर्मा का कहना है कि शुक्र के अशुभ गोचर की अवधि या फिर शुक्र की दशा में कुछ मंत्रों का पाठ प्रतिदिन या फिर शुक्रवार के दिन करने पर समय के अशुभ फलों में कमी होने की संभावना बनती है।
इसके अलावा पंडित शर्मा का कहना है कि शुक्र के अशुभ गोचर की अवधि या फिर शुक्र की दशा में कुछ मंत्रों का पाठ प्रतिदिन या फिर शुक्रवार के दिन करने पर समय के अशुभ फलों में कमी होने की संभावना बनती है।
वहीं मुंह के अशुद्ध होने पर मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर विपरीत फल प्राप्त हो सकते हैं। कला, शिल्प, सुंदरता, बौधिक-समृद्धि, प्रभाव, ज्ञान, राजनीति और समाज में मान- प्रतिष्ठा शुक्र-देवता की कृपा से प्राप्त होती है।
– शुक्र देव के सामान्य मन्त्र :
” ॐ शुं शुक्राय नमः “ – शुक्र देव के बीज मन्त्र :
“ॐ द्राम द्रीम द्रौम सः शुक्राय नमः” – शुक्र देव के गायत्री मन्त्र :
“ॐ शुक्राय विद्महे, शुक्लाम्बर -धरः, धीमहि तन्न: शुक्र प्रचोदयात”
” ॐ शुं शुक्राय नमः “ – शुक्र देव के बीज मन्त्र :
“ॐ द्राम द्रीम द्रौम सः शुक्राय नमः” – शुक्र देव के गायत्री मन्त्र :
“ॐ शुक्राय विद्महे, शुक्लाम्बर -धरः, धीमहि तन्न: शुक्र प्रचोदयात”
– शुक्र देव के वैदिक मन्त्र :
“ॐ अन्नात्परिश्रुतो रसं ब्रह्म्न्नाव्य पिबत् – क्षत्रम्पयः सोमम्प्रजापति !
ऋतेन सत्यमिन्द्रिय्वीपानं-गुं -शुक्र्मन्धस्य – इन्द्रस्य – इन्द्रियम – इदं पयो – अमृतं मधु !!”
– शुक्र देव के पौराणिक मन्त्र :
“ॐ हिमकुंद-मृनालाभं दैत्यानां परमं गुरुं !
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रन्माम्य्हम !!”
“ॐ अन्नात्परिश्रुतो रसं ब्रह्म्न्नाव्य पिबत् – क्षत्रम्पयः सोमम्प्रजापति !
ऋतेन सत्यमिन्द्रिय्वीपानं-गुं -शुक्र्मन्धस्य – इन्द्रस्य – इन्द्रियम – इदं पयो – अमृतं मधु !!”
– शुक्र देव के पौराणिक मन्त्र :
“ॐ हिमकुंद-मृनालाभं दैत्यानां परमं गुरुं !
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रन्माम्य्हम !!”
– शुक्र देव के ध्यान मन्त्र :
“दैत्यानां गुरु: तद्वत श्वेत – वर्णः चतुर्भुजः !
दंडी च वरदः कार्यः साक्ष – सूत्र – कमंड – लु: !!”
“दैत्यानां गुरु: तद्वत श्वेत – वर्णः चतुर्भुजः !
दंडी च वरदः कार्यः साक्ष – सूत्र – कमंड – लु: !!”