जैसे-तैसे खुद को छुपाते हुए घर के पीछे के दरवाजे से हम थाने पहुंचे, लेकिन यहां आने के बाद पता चला कि काउंसलर की तबियत खराब हो गई है। ये कहना था बारह वर्षीय बच्ची का जो अपनी मम्मी के साथ महिला थाने स्थित परिवार परामर्श केंद्र पहुंची थी। परामर्श केंद्र की लापरवाही ने दर्जनभर से अधिक पीडि़ताओं को भीषण गर्मी में परेशान होने पर मजबूर कर दिया। तपती धूप में पीडि़ताएं परिवार से सुलह होने की आशा लेकर यहां पहुंची थीं।
रुपए नहीं मिलने पर पति करता है मारपीट
बच्ची की मां ने बताया कि उसकी शादी को 12 साल हो गए हैं। शादी के बाद हर बार पति मायके से रुपए लाने के लिए दबाव बनाता। पहले तो माता-पिता ने उसकी खुशी देखते हुए रुपए दे देते थे, जिसके बाद पति के मन में लालच और बढ़ गया।
दुधमुंहे बच्चे को लेकर पहुंची थी
जहांगीराबाद निवासी पीडि़त महिला ने बताया कि मायके से रुपयों की मांग पूरी नहीं होने के कारण पति आए दिन उसके साथ मारपीट करता है। प्रभारी ने कहा था कि बुधवार को सुबह 11 बजे आ जाना। यहां आकर पता चला कि काउंसलर नहीं आई हैं।
सुलह के लिए रोजा के दिन भी आई
करोंद निवासी पीडि़ता ने बताया कि उसका पति अपनी कमाई दूसरी महिला पर लुटा रहा है। वहीं समझाने पर उसके साथ मारपीट और घर से निकालने की धमकी देता है। चार दिन पहले थाने में शिकायती आवेदन दिया था। प्रभारी ने कहा था कि बुधवार को थाने पहुंच जाना। परिवार में फिर से एकता हो जाएगी बस यही आशा लेकर वह रोजा रखने के बाद भी थाने पहुंची।
काउंसलर का अचानक फोन आया कि उसकी तबियत खराब है। कुछ पीडि़ताओं को फोन पर इसकी जानकारी दे दी गई, लेकिन कुछ के फोन नहीं लग पाए। इस कारण उन्हें थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ी।
-शिखा सिंह बैस, प्रभारी, महिला थाना