– स्व-सहायता समूहों को दिया 232 करोड़ का ऋण
प्रदेश में पिछले एक साल में 5.32 लाख परिवारों को संगठित कर 49,815 स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया। इन समूहों को बैंकों से 37,097 प्रकरणों में राशि 232 करोड़ रुपए का ऋण दिलाया गया। लगभग 1.76 लाख परिवारों को खेती और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियों एवं लगभग 21 हजार स्व-सहायता समूह सदस्यों को गैर-कृषि आधारित आजीविका से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण/मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में ग्रामीण क्षेत्र में 6,269 हितग्राहियों को स्व-रोजगार के लिए वित्तीय सहायता दी गई है।
– खेती में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी
ग्रामीण महिलाओं की पंचायत में भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें पंचायत सखी के रूप में कार्यशील किया जा रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कृषि सखी के कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। प्रदेश में 51 जिलों में 5,726 कृषि सखी का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। ये कृषि सखी पंजाब, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्य में भी अपनी सेवाएं दे रही हैं।