भोपाल

चकाचक होंगे 50 हजार से अधिक आबादी वाले गांव

मुख्यधारा से जोडऩे के लिए डवलपमेंट प्लान बनाकर हो रहा काम

भोपालJan 15, 2020 / 09:17 pm

anil chaudhary

madhyapradesh news

अनिल, चौधरी, भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार ने 23812 ग्राम पंचायतों के 50 हजार से अधिक गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे का निर्णय किया है। सभी ग्राम पंचायतों का ग्राम पंचायत विकास प्लान तैयार किया जा चुका है। युवा शक्ति की ग्राम विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए युवा ग्राम शक्ति समितियों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
योजना के मुताबिक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से 12362 किलोमीटर सड़कों को सुधारा जाएगा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत दिसंबर 2018 से अब तक 554 मार्ग पूर्ण कर 3,319 किमी लंबाई की सड़कें पूर्ण की गईं। इससे 366 बसाहटों को जोड़ा गया है। मध्यप्रदेश ग्रामीण संपर्क परियोजना के माध्यम से 855 करोड़ व्यय कर 3,166 किमी सड़कें बनाई गई हैं।
पंयाचत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने बताया कि ग्राम पंचायत को 14वें वित्त आयोग से प्राप्त होने वाली राशि का भुगतान सरपंच एवं सचिव के डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से किया जा रहा है। इसके लिए प्रिया सॉफ्ट पोर्टल तैयार किया गया है। शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों के जीपीडीपी (ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान) तैयार कर प्लान प्लस पोर्टल पर दर्ज किए गए हैं। इससे कार्यों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी। ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण (ग्रामीण) 2019 में पश्चिमी क्षेत्र अंतर्गत शामिल राज्यों में मध्यप्रदेश को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। साथ ही डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन रूरल डेवलपमेंट कैटेगरी में ई-गवर्नेंस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड 2019 से भी सम्मानित किया गया है। इतना ही नहीं गांवों की बेहतरी के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं। इसके तहत मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में प्रदेश में राज्य प्रारंभिक ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम पायलट स्वरूप में शुरू किया गया है।

– स्व-सहायता समूहों को दिया 232 करोड़ का ऋण
प्रदेश में पिछले एक साल में 5.32 लाख परिवारों को संगठित कर 49,815 स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया। इन समूहों को बैंकों से 37,097 प्रकरणों में राशि 232 करोड़ रुपए का ऋण दिलाया गया। लगभग 1.76 लाख परिवारों को खेती और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियों एवं लगभग 21 हजार स्व-सहायता समूह सदस्यों को गैर-कृषि आधारित आजीविका से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण/मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में ग्रामीण क्षेत्र में 6,269 हितग्राहियों को स्व-रोजगार के लिए वित्तीय सहायता दी गई है।

– खेती में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी
ग्रामीण महिलाओं की पंचायत में भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें पंचायत सखी के रूप में कार्यशील किया जा रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कृषि सखी के कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। प्रदेश में 51 जिलों में 5,726 कृषि सखी का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। ये कृषि सखी पंजाब, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्य में भी अपनी सेवाएं दे रही हैं।

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