गौरतलब है कि वर्ष 2018 में नगरीय ठोस अपशिष्ट डिस्पोजल के लिए नई साइट आदमपुर छावनी में लगभग 44 एकड़ क्षेत्र में शुरू की गई है। यह साइट भोपाल से लगभग 15 किमी दूर रायसेन रोड पर िस्थत है। समीपस्थ ग्राम कोलुआखुर्द और पड़रिया काछी की आबादी इस साइट से क्रमश: 650 मीटर और 750 मीटर की दूरी पर है। साइट के डाउनस्ट्रीम में अजनाल नदी और डैम लगभग 2 किमी दूरी पर िस्थत है। इसके बावजूद यहां पर्यावरण नियमों का पालन नहीं हो रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एमपीपीसीबी से स्थापना एवं उत्पादन सम्मति और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के अंतर्गत प्राधिकार प्राप्त नहीं किया गया है। पीसीबी के रीजनल अधिकारी ब्रजेश शर्मा ने कहा कि मुख्यालय के निर्देशानुसार आदमपुर खंती साइट का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंप दी है। अब आगे की कार्रवाई शासन और नगर निगम आदि को करना है।
साइट पर 2 लाख क्यूबिक मीटर पुराना कचरा जमा रिपोर्ट में बताया गया है कि आदमपुर की एमएसडब्ल्यू साइट पर लगभग 2 लाख क्यूबिक मीटर ओल्ड वेस्ट का डंप है जिसे भानपुर खंती से लाया गया था। इसके बायोरेमेडिएशन का काम चल रहा है। प्रतिदिन लगभग 600 से 700 टन कचरे की प्रोसेसिंग की जाती है जिससे आरडीएफ को कोप्रोसेसिंग के लिए सीमेंट प्लांटों को देने की जानकारी दी गई। लेकिन ताजे कचरे तथा पुराने कचरे से जितनी मात्रा में आरडीएफ उत्पन्न होता है उतना प्रतिदिन कोप्रोसेसिंग के लिए नहीं बिक पाने के कारण आरडीएफ यानी रिफ्यूज्ड डेराइव्ड फ्यूल के बड़े ढेर लग रहे हैं।
लीचेट कलेक्शन ड्रेन टूटी, बाहर बह रहा
– निरीक्षण के दौरान पाया गया कि साइट पर ठोस अपशिष्ट को कच्ची जमीन पर लगभग 25-30 फीट ऊंचाई तक भंडारित किया गया है। इससे परिसर की नालियों में लीचेट और सीपेज का जमाव देखा गया। यह लीचेट भंडारित ठोस अपशिष्ट से बारिश के दौरान बहकर पिट में एकत्र हुआ है। अपशिष्ट संग्रहण स्थल के चारों ओर विकसित की गई गारलैंड ड्रेन्स और लीचेट कलेक्शन ड्रेन्स भारी मशीनरी की आवाजाही और उचित मरम्मत के अभाव में कई स्थानों से टूटी पाई गई। लीचेट कलेक्शन पिट जिसमें एकत्र होने वाले लीचेट को कंपोस्टिंग के लिए उपयोग किया जाता है भी क्षतिग्रस्त पाया गया। साइट परिसर के बाहर कुछ गड़ढों में लीचेट और सीपेज का बहाव देखा गया जिसके जांच के लिए नमूने लिए गए हैं।
आसपास के गांवों में बदबू
टीम ने आसपास के गांवों का भी दौरा किया। समीपस्थ गांव कोलुआखुर्द में बदबू आ रही थी।हालांकि ग्राम पड़रिया काछी और रायसेन रोड पर बदबू नहीं आ रही थी लेकिन यदा-कदा रायसेन हाइवे पर आदमपुर छावनी की तरफ से हवा के साथ दुर्गंध का आना महसूस हुआ।
परिसर के बाहर भी फैल रही पन्नियां
नगर निगम द्वारा साइट के उत्तर दिशाों 5 हजार पौधों का रोपण किया गया है। लेकिन साइट के भीतर बड़ी मात्रा में और परिसर के बाहर भी पन्नियां फैली हुई पाई गईं। तेज हवा और बारिश के दौरान पिन्न्यां बाहर फैलने से रोकने के लिए बाउंड्रीवॉल के ऊपर पर्याप्त ऊंचाई की वॉयर्ड मेश या चेन लिंक मेश स्क्रीन लगाई जाना जरूरी है।
खुले में बिना लाइनिंग डाला कचरा नियमानुसार यदि कचरे को खुले में संग्रहित किया जाता है तो उसे सीपेज रोधी सतह पर एकत्रित किया जाना चाहिए और लीचेट व सरफस रन ऑफ वाटर का संग्रहण ड्रेन्स द्वारा कर उपचारित किया जाना चाहिए। साइट पर इसके लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि जैविक खाद संयंत्र में एकत्र खाद भी खुली सतह पर ही एकत्रित पाई गई।
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आदमपुर खंती पर एकत्रित आरडीएफ वेस्ट को जल्द से जल्द बेचने के निर्देश दिए गए हैं। एनजीटी के जो भी निर्देश हैं और अन्य एजेंसियों की सिफारिशों का पालन करने के लिए कंपनी को निर्देशित किया है।
– केवीएस चौधरी, ननि आयुक्त