221 में से 70 करोड़ चौराहे पर खर्च
सिंगारचोली-मुबारकपुर सिक्सलेन प्रोजेक्ट की लागत तय करते वक्त एनएचएआई ने लालघाटी चौराहे पर ग्रेड सेपरेटर की शुरुआती लागत 25 करोड़ रुपए तय की थी। टेंडर जारी होने के बाद लागत 70 करोड़ रुपए पहुंच चुकी है। प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा खर्च करने के बावजूद लालघाटी चौराहे पर ट्रैफिक लोड कम होने की बजाए बढ़ता नजर आ रहा है। मंत्रालय में बैठक बुलाकर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने इसी मुद्दे पर चिंता जताई थी।
सिंगारचोली-मुबारकपुर सिक्सलेन प्रोजेक्ट की लागत तय करते वक्त एनएचएआई ने लालघाटी चौराहे पर ग्रेड सेपरेटर की शुरुआती लागत 25 करोड़ रुपए तय की थी। टेंडर जारी होने के बाद लागत 70 करोड़ रुपए पहुंच चुकी है। प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा खर्च करने के बावजूद लालघाटी चौराहे पर ट्रैफिक लोड कम होने की बजाए बढ़ता नजर आ रहा है। मंत्रालय में बैठक बुलाकर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने इसी मुद्दे पर चिंता जताई थी।
अभी ऐसा है ट्रैफिक डायवर्जन
कलेक्ट्रेट से आकर वीआईपी रोड या सिंगारचोली आरओबी जाने वाले वाहनों के लिए निर्माणाधीन ग्रेड सेपरेटर कोई काम का नहीं है। उन्हें बाजू से निकल रही सर्विस रोड से नीचे उतरकर लालघाटी चौराहे पर आना होता है। यहां ट्रैफिक सिग्नल ग्रीन होने के इंतजार के बाद वाहन अपने रास्ते आगे बढ़ते हैं। मौजूदा निर्माण कार्य के चलते यहां प्रतिदिन रूट डायवर्जन के बोर्ड लगाकर बेरीकेडिंग की जा रही है जिससे ट्रैफिक जाम के हालात बने हुए हैं।
लालघाटी चौराहा ग्रेड सेपरेटर से दो दिशाओं में आम्र्स निकालने से ट्रैफिक डायवर्जन आसानी से हो सकता था। एक दिशा में निर्माण होने से बाकी वाहनों को अभी सिग्नल पर रूकना पड़ेगा।
प्रो. सिद्धार्थ रोकड़े, ट्रैफिक एक्सपर्ट, मैनिट
प्रो. सिद्धार्थ रोकड़े, ट्रैफिक एक्सपर्ट, मैनिट
प्रोजेक्ट के टेंडर और डिजाइन में इस तरह के निर्माण का जिक्र नहीं था। तकनीकी परामर्श के बाकी बिंदुओं पर ठेका कंपनी को काम करने कहा है। अब नया काम टेंडर में नहीं जोड़ सकते।
विवेक जायसवाल, एमपी हेड, एनएचएआई
विवेक जायसवाल, एमपी हेड, एनएचएआई