scriptपानी बर्बादी की जड़ में थे रसूखदार | VIPs were responsible for water wastage | Patrika News

पानी बर्बादी की जड़ में थे रसूखदार

locationभोपालPublished: Apr 12, 2018 04:20:21 pm

– मेन फीडर लाइन से कई रसूखदारों ने करवा रखे थे अवैध कनेक्शन- एमपी नगर में दस वर्षों से लीकेज का मुख्य कारण था डायरेक्ट कनेक्शन

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भोपाल. शहर में पानी का बर्बादी का सबसे बड़ा कारण रसूखदारों के घरों और क्षेत्र में मेन फीडर लाइन से अवैध कनेक्शन होना पाया गया। अधिकारी जब पानी लीकेज की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए ग्राउंड लेवल पर पहुंचे तब यह बात खुलकर सामने आई। इस तरह के हजारों अवैध कनेक्शन काटने के बाद अब शहर की सभी पानी की टंकियां भरी जाने लगी हैं।

उल्लेखनीय है कि नगर निगम जलप्रदाय क्षेत्र में १८० ओवरहेड टैंक व १०० से कम संपवेल्स हैं। ननि वाटर वक्र्स ब्रांच को प्रतिदिन इन्हें भरना होता है। शहर में कोलार लाइन, नर्मदा लाइन और बड़े तालाब से जलापूर्ति की जाती है। बड़े तालाब से पानी अभी से ०५ एमएलडी प्रतिदिन कम लिया जा रहा है। प्रतिदिन ८९ एमजीडी सप्लाई में कोलार फीडर लाइन से ३४ एमजीडी, नर्मदा फीडर लाइन से ४० एमजीडी और बड़े तालाब से १५ एमजीडी पानी दिया जा रहा था। बड़े तालाब से प्रतिदिन ०५ एमजीडी पानी की कटौती कर कोलार व नर्मदा लाइन से इसकी पूर्ति की जा रही है।

किल्लत के लिए रोजाना लाखों लीटर पानी की बर्बादी को प्रमुख कारण माना जा रहा था। इस समस्या का निस्तारण जड़ से करने के लिए मेन फीडर लाइन की सघन चेकिंग की गई तो पाया गया कि कई स्थानों पर मेन फीडर लाइन से अवैध कनेक्शन लिए गए हैं। मेन फीडर लाइन से कनेक्शन के कारण २४ घंटे पानी बहता रहता था। इसमें लाखों लीटर पानी बर्बाद हो जाता था। इससे न तो शहर की टंकियां ही भर पाती थीं और न ही संपवेल्स में पूरा पानी सप्लाई कर पा रहे थे। इससे कहीं तो चौबीसों घंटे अनाप-शनाप पानी उपलब्ध था और कहीं-कहीं क्षेत्र में आधा घंटा भी आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। फीडर मेन लाइन से अवैध कनेक्शन काटे जाने के बाद से शहर की टंकियां और संपवेल्स भरे जाने लगे हैं।

यहां से काटे गए अवैध कनेक्शन
एकांत पार्क के पास लिंक रोड नम्बर-३ स्थित केतकी हॉस्टल में भी मेन फीडर लाइन से अवैध वाटर कनेक्शन किया गया था, जांच में पाए जाने के बाद इसके काट दिया गया। चार इमली क्षेत्र में मेन फीडर लाइन से कनेक्शन थे, जिनसे कई मंत्रियों और आला अफसरों के यहां पानी सप्लाई होता था। यहां के कनेक्शन भी काट दिए गए। बाण गंगा क्षेत्र में ट्रिपल टीआई से लेकर पॉलिटेक्निक चौराहा तक कई स्थानों पर ५०० से अधिक मेन लाइन से डायरेक्ट कनेक्शन पाए गए। इन कनेक्शंस के कटने के बाद भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने काफी दबाव बनाया, लेकिन माना नहीं गया। साउथ टीटी नगर इलाके में संजय कॉम्पलेक्स के पास २२८ क्वार्टर्स व नेहरू कॉलोनी के इलाके में भी मेन लाइन से तमाम अवैध कनेक्शन काटे गए। एमपी नगर में गुरुदेव गुप्त चौराहे के आसपास विगत दस वर्षों से लगातार पानी की जबर्दस्त लीकेज थी। वाटर वक्र्स अधिकारी ने मेन लाइन शटडाउन के बाद गैस मास्क आदि से लैस कर टीम को पाइपलाइन में उतार और अंदर से पूरी तरह रिपेयर कराया। फिर भी पानी का रिसाव बंद नहीं हो रहा था, तब जाकर जांच की तो पता चला कि मेन लाइन से समानांतर एक डायरेक्ट कनेक्शन दिया गया है, जो एमपी नगर के कई रसूखदारों/प्रतिष्ठानों को पानी दे रहा था। जोनल अधिकारी को निर्देशित कर इस कनेक्शन को काटने के निर्देश दिए गए।
वर्जन
मेन फीडर लाइन से डायरेक्ट कनेक्शन लेना अपराध की श्रेणी में आता है। कई क्षेत्रों में मेन फीडर लाइन से अवैध कनेक्शंस को काट दिया गया है, जिससे शहर के संपवेल्स व टंकियां भरी जाने लगी हैं। अवैध कनेक्शन काटने व खराब वॉल्व बदलने की प्रक्रिया जारी है।
– ब्रजराज सिंह सेंगर, एई एवं प्रभारी कोलार-नर्मदा लाइन
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