सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस कथित रिपोर्ट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रदेश के मंत्रियों का लेखा-जोखा दिया है।
विधानसभा चुनावों को देखकर तैयार की गई इस कथित रिपोर्ट में ज्यादातर मंत्रियों के काम-काज पर असंतोष जताया गया है। दो पन्नों की इस सूची में मंत्रियों का ब्यौरा हिन्दी में दिया गया है।
दोनों पन्नों पर नीचे की ओर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दिल्ली ऑफिस जनरल सेके्रटरी अंग्रेजी में लिखा गया है। जबकि, संघ इस तरह की भाषा कभी इस्तेमाल नहीं करता। इस सूची में किसी जिम्मेदार पदाधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है। क्रमांक एक और दो हिन्दी में लिखा गया है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नाम से सोशल मीडिया में चल रहा पत्र पूर्ण रूप से फर्जी है। संघ की ओर से ऐसा कोई पत्र जरी नहीं हुआ।
नरेंद्र जैन, मध्य क्षेत्र प्रचार प्रमुख, आरएसएस
अब मन की बात शुरू करेंगे कम्प्यूटर बाबा
इधर, प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके कंप्यूटर बाबा को मनाने की सरकार ने कोशिश तेज कर दी है। बाबा भाजपा नेताओं की सुन नहीं रहे हैं। चुनावी माहौल खराब होने के डर से सरकार ने दूसरे राज्यों के बड़े संतों और धर्मगुरुओं को लाने की तैयारी की है। जूनापीठ के स्वामी अवधेशानंद गिरी को मध्यस्थता का जिम्मा सौंपा है।
दरअसल, नर्मदा के बहाने सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बाबा के अटैक से पार्टी असहज हुई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल दौरे में कंप्यूटर बाबा के मामले पर चर्चा हुई थी। शाह ने बाबा के खिलाफ किसी तरह की बयानबाजी नहीं करने की नसीहत देते हुए मनाने को कहा था। राज्य सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले कंप्यूटर बाबा ने स्वीकार किया कि उन्हें समझाने के लिए कुछ संतों ने संपर्क किया था।
मन की बात शुरू करेंगे
कम्प्यूटर बाबा ने बताया कि प्रदेश के संतों का समागम कर संतों की मन की बात शुरू करने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत 23 अक्टूबर को इंदौर से की जाएगी। ग्वालियर में 30 अक्टूबर, खंडवा में 4 नवंबर, रीवा में 11 नवंबर और जबलपुर में 23 नंवबर को संतों का महासम्मेलन किया जाएगा।
इसमें नर्मदा नदी के विकास एवं स्वच्छता, जल शुद्धीकरण, गौरक्षा और मंदिर निर्माण जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा। कंप्यूटर बाबा बोले, नर्मदा का जो हाल है, बर्दाश्त नहीं होता है। सरकार के खिलाफ बोलने से गनमैन तक हटा लिया गया है।