दरअसल, वर्तमान में प्रदेश के सरकारी हायर सेकंडरी स्कूलों में 11वीं व 12वीं कक्षा के लिए व्यावसायिक शिक्षा के तहत इन कोर्स का संचालन होता है। इसमें विषय विशेषता के आधार पर कोर्स बनाए गए हैं, लेकिन सबसे बड़ी परेशानी ये है कि इन कोर्स के साथ सब-विषयों को डिजाइन ऐसा है कि सामान्य कोर्स से पूरी तरह दूरी हो जाती है। इसलिए इन कोर्स को करने वाला व्यक्ति 12वीं के बाद उसी कोर्स तक सीमित होकर रह जाता है। इसलिए अब इन कोर्स को सामान्य कोर्स के साथ मिक्सअप करके काम्बो कोर्स बनाने पर विचार हो रहा है, ताकि इन व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स को करने वाला विद्यार्थी सामान्य शिक्षा के साथ भी लिंकअप रहे। ऐसी स्थिति में 12वीं के बाद उसके लिए कैरियर चुनने में अधिक विकल्प रहेंगे। सरकार की मंशा है कि आगामी शिक्षा सत्र से इन कोर्स को लांच किया जा सके। इसी आधार पर काम शुरू किया गया है।
आउट ऑफ ट्रेड कोर्स बंद होंगे-
व्यवसायिक शिक्षा के कई कोर्स को आकलन के बाद बंद भी किया जा सकता है। ऐसे अने कोर्स हैं, जो अब आउट-ऑफ ट्रंड हो गए हैं। इसलिए उन कोर्स की जगह पर नए कोर्स शामिल किए जाएंगे। मसलन, टायपिंग का कोर्स अब आउट ऑफ ट्रेड हो गया है, क्योंकि अधिकतर जगह कम्प्यूटर कोर्स आ गया है। सरकारी नौकरी में भी टायपिंग की अनिवार्यता लगातार हटाई जा रही है। इस कारण इस तरह के कोर्स की जगह नए कोर्स लाए जाएंगे। इसके तहत एनिमेशन व थ्री-डी तकनीक को लेकर लेकर नए कोर्स डिजाइन किए जा सकते हैं।