बैठक में बताया गया कि यदि कोई विधायक किसी खिलाड़ी को स्पोट्र्स के लिए किट देना चाहता है तो नियमों में इसका प्रावधान ही नहीं है। क्योंकि उस दौरान इसकी मांग भी नहीं उठती थी, लेकिन अब युवाओं की ओर से मांग बढ़ी है। ऐसे अनेक मामले हैं, जिसकी मांग उठती रहती है, लेकिन नियमों में प्रावधान न होने से विधायक उनकी मदद नहीं कर पाते। समिति सदस्यों का कहना था कि प्रोटोकॉल में विधानसभा अध्यक्ष और विधायकों का उचित स्थान मिलना चाहिए। वहीं पूर्व विधायकों का तो प्रोटोकॉल में कहीं स्थान ही नहीं है। इन्हें भी प्रोटोकॉल में शामिल किया जाना चाहिए। दिल्ली में बन रहे मध्यांचल भवन में भी विधानसभा अध्यक्ष और विधायकों के लिए कक्ष आरक्षित होना चािहए। समिति अपनी अनुशंसाएं राज्य सरकार को भेजेगी। इस मामले में निर्णय राज्य सरकार लेगी। इसके पहले 2 दिसम्बर को प्रस्तावित बैठक में भी इस पर चर्चा होगी। इसमें भी विधायकों और पूर्व विधायकों के मामले में चर्चा होना है।