अधिकारियों से नहीं हुई पूछताछ
उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश शासन के तकनीकी शिक्षा मंत्री, पशुपालन मंत्री, सामान्य प्रशासन मंत्री, विधि मंत्री, सचिव आईएएस अधिकारियों जैसे रंजना चौधरी, नरेंद्र प्रसाद, अतुल सिंह, धर्मेंद्र नाथ , आईटी विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव सहित चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सचिव उपसचिव तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सचिव सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव उपसचिव सहित अन्य अधिकारियों से पूछताछ क्यों नहीं की गई।
संदिग्ध मामलों पर नहीं हुई कार्यवाईकांग्रेस के IT सेल के प्रभारी ने आरोप लगाया कि व्यापम घोटाले के समय हुई संदिग्ध मौतों की जांच में कोई खुलासा नहीं हुआ। पूरा मामला संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि व्यापम घोटाले में ऑनलाइन कंपनी की जांच क्यों नहीं की गई। अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि जांच में 700 रोल नंबर भोपाल इंदौर शहडोल के मिसमैच हुए फिर भी कुछ नहीं हुआ।
जांच में 73 अन्य रोल नंबर नगर बड़ी पाई गई मूल रोल नंबर और कैंडिडेट अल्टर कर दूसरे रोल नंबर कैंडिडेट बनाए गए। उन्होंने कहा कि भोपाल इंदौर में कुछ सेंटरों से इंविजीलेटर की भूमिका संदिग्ध पाई गई। भोपाल में 88 परीक्षार्थियों की जांच में यह तथ्य सामने आ चुका है। भोपाल एवं इंदौर के कई शिक्षण संस्थाओं की भूमिका भी संदिग्ध रही। इनके जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई।
इधर, कांग्रेसियों ने किया राजभवन के सामने प्रदर्शन
कर्नाटक चुनाव परिणाम को लेकर लोकतंत्र की हत्या मामले में कांग्रेसियों ने राजभवन के सामने जमकर प्रदर्शन किया। धरने में कांग्रेस नेता दीपक बाबरिया, सुरेश पचौरी सहित कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल रहें। इस दौरान राज भवन की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े किये जा रहे है।
माना जा रहा है कि अब तक का यह सबसे बड़ा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन रहा। जिसमें इंटेलिजेंस की टीम भी फेल साबित हुई। यही नहीं काग्रेंस नेता सुरेश पचौरी की अगुवाई में निकाली गयी पैदल मार्च रैली में कांग्रेसियों की भीड़ को रोकने के लिए जो पुलिस बल तैनात रहे वे भी नाकाम साबित हुई।