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VYAPAM घोटाले में फंसी एक और डॉक्टर की मौत, अब तक हो चुकी है 42 की ‘संदिग्ध’ मौत

locationभोपालPublished: Oct 16, 2018 05:30:10 pm

Submitted by:

Manish Gite

VYAPAM घोटाले में फंसी एक और डॉक्टर की मौत, अब तक हो चुकी है 42 की ‘संदिग्ध’ मौत

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VYAPAM घोटाले में फंसी एक और डॉक्टर की मौत, अब तक हो चुकी है 42 की ‘संदिग्ध’ मौत

भोपाल। देश के बहुचर्चित व्यापमं महाघोटाले में फंसे डॉ. मनीषा शर्मा ने आत्महत्या कर ली। वो घोटाले की जांच कर रही एसआईटी की पूछताछ से तंग आ चुकी थी। लखनऊ के केजीएमयू के क्वीन मैरी अस्पताल में एमएस की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही मनीषा भोपाल की गांधी नगर जेल में छह माह बंद रह चुकी है।


व्यापमं घोटाले में फंसी डॉ. मनीषा शर्मा की लखनऊ में बेहोशी के इंजेक्शन का ओवर डोज लेने से मौत हो गई। उसने शनिवार रात को बुद्धा हॉस्टल में बेहोशी के इंजेक्शन का हाईडोज ले लिया था। सोमवार दोपहर में उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

2015 में हुई थी होनहार छात्रा की गिरफ्तारी
डॉ. मनीषा शर्मा होनहार छात्रा थी और उसे डाक्टर बनकर लोगों की सेवा करना था। लेकिन, 2015 में उजागर हुए व्यापमं घोटाले में उसका नाम आ गया। मनीषा पर 2008-09 में दो छात्राओं के नाम पर व्यापमं की परीक्षा देने का आरोप लगा था। कानपुर निवासी मनीषा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से mbbs किया था। जमानत मिलने के बाद उसने कोर्ट में आवेदन दिया था, जहां कोर्ट के आदेश पर उसे केजीएमयू में एमएस कोर्ट में एडमिशन हो गया था। 2015 के बाद से ही वो बुद्धा होस्टल में रहकर एमएस कर रही थी।

 

 

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व्यापमं में पंसे 42 की हो चुकी है रहस्यमय मौत
2013 में घोटाला उजागर होने के बाद जांच में कई घोटाले उजागर होते गए। इसमें 1995 की मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड की परीक्षा में दाखिले और भर्ती को लेकर भी कई दिग्गज लोगों पर आरोप लगे। इस घोटाले में कई नेता और नौकरशाह और कारोबारी भी घेरे में आ गए। यह भी बड़ी बात है कि इस घोटाले में जैसे-जैसे लोग फंसते चले गए वैसे-वैसी किसी न किसी प्रकार से उनकौ मौत होती गई। पुलिस के आंकड़े के मुताबिक अब तक इस मामले में 42 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों में कई रसूखदार लोग भी थे। इनमें मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेंद्र यादव का नाम भी था। वो 25 मार्च 2015 को लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित पिता के सरकारी बंगले में मृत मिला था। इस मौत को भी संदिग्ध माना गया था।

 

यह भी है खास

-जिन 42 लोगों की मौत हो चुकी है उनमें अधिकतर बिचौलिए हैं। इनकी हत्या के आरोप लगते रहे हैं। कहा जाता है कि बिचौलियों को इसलिए मार दिया गया ताकी असली गुनहगारों तक कानून की आंच न पहुंच पाए। कुछ डाक्टरों की भी मौत हो चुकी है। कहा जाता है कि परीक्षा में धांधली कर जिन लोगों को डाक्टर की डिग्री मिलना था उन्हें रास्ते से हटा दिया गया। ताकी भ्रष्टाचार उजागर न हो पाए।

 

 

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इनकी भी हत्या का शक
-4 जुलाई 2014 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज के डीन डॉ. डीके सकाले ने अपने घर के पीछे खुद को आग लगा ली। वे भी घोटाले से जुड़े थे।
-28 जून 2015 को वेटनरी अधिकारी नरेंद्र सिंह तोमर की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। उन पर भी आरोप था कि फर्जी स्टूडेंट्स के लिए बंदोबस्त करते थे। उनके परिजनों ने हत्या का शक जाहिर किया था।
-4 जुलाई 2015 को ही एक पत्रकार अक्षय सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इनकी भी हत्या का शक जताया गया था। वे व्यापमं घोटाले की खबरों को लेकर काम कर रहे थे।
-6 जुलाई 2015 को जबलपुर के एनएस मेडिकल कालेज के डीन और जांच समिति के अध्यक्ष अरुण शर्ा भी दिल्ली के एक होटल में मृत पाए गए। इनका नाम भी व्यापमं घोटाले में उछला था। इनकी भी हत्या का शक जताया गया था।
-6 जुलाई 2015 को ही ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अनामिका कुशवाहा का शव झील में पाया गया था। इनका नाम भी घोटाले में फंस गया था।

बन सकता है चुनावी मुद्दा

विपक्षी दल कई सालों से इस घोटाले को उठाकर सरकार की नींद ***** कर चुके हैं। नवंबर में होने वाले चुनाव में भी कांग्रेस कई सभाओं में इस मुद्दे को उठा रही है। दो दिवसीय मध्यप्रदेश दौरे पर आए राहुल गांधी भी शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार में डूबी हुई सरकार बताने से नहीं चूक रहे हैं। वे कई बार व्यापमं घोटाले को उठाते रहते हैं। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ जैसे दिग्गज नेता भी आम सभाओं में यह मुद्दा उठाते रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बार भी कांग्रेस बीजेपी सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है।

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