scriptकेंद्र से मदद का इंतजार, राहत राशि मिली न अटकी किस्तें | Waiting for help from the center, relief amount not received, installm | Patrika News

केंद्र से मदद का इंतजार, राहत राशि मिली न अटकी किस्तें

locationभोपालPublished: Oct 24, 2021 08:18:02 pm

—————- ग्वालियर-चंबल बाढ़ के मामले में भी नहीं आई मदद—————

CM Shivraj Singh Chauhan MP CM Shivraj Singh Chauhan Sick News

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भोपाल। कोरोना काल में अब धीरे-धीरे सरकार के राजस्व में सुधार आ रहा है, लेकिन केंद्र से मदद के मामले में इंतजार के ही हालत हैं। दरअसल, अब तक मध्यप्रदेश को न तो ग्वालियर-चंबल में बाढ़ को लेकर मुआवजे की कोई राशि मिली है और न दूसरे मामलों में अटकी हुई किस्तें मिल पाई हैं। इससे आर्थिक मोर्चे पर सरकार के लिए दिक्कतें बढ़ती जा रही है। सरकार ने हाल ही में कर्मचारियेां को डीए व लंबित वेतनवृद्धि देना तय किया है। इस पर 3200 करोड़ खर्च होंगे। इसी तरह कोयले की देनदारी और बिजली की सब्सिडी में भी हजारों करोड़ का खर्च है। इससे खर्च बढ़ता जा रहा है, लेकिन केंद्र की मदद की रफ्तार नहीं बढ़ पाई है।
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क्या-क्या अभी लंबित-
ग्वालियर-चंबल में बाढ़ के बाद सरकार को मुआवजे के लिए केंद्र से राशि का इंतजार है। इसका फायनल प्रस्ताव भी जा चुका है, लेकिन अभी कोई राशि नहीं मिली। इसी तरह राज्य के आपदा कोष की तय 750 करोड़ की लंबित किस्त भी नहीं मिल पाई है। इसी तरह मनरेगा का करीब चार सौ करोड़ बकाया है। इसके अलावा अमृत योजना, पीएम आवास और पेयजल परियोजना की किस्तें भी अभी लंबित हैं।
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घटता गया राज्यांश, पूरा मिला भी नहीं-
मध्यप्रदेश का केंद्र से मिलने वाला राज्यांश भी बीते दो सालों में घटा है। राज्य को करीब 52 हजार करोड़ राज्यांश मिलता था, लेकिन यह घटकर पहले 47 हजार और फिर करीब 43 हजार करोड़ ही रह गया है। इसमें भी समय पर किस्ते न मिलने के कारण परेशानी होती है।
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चुनावी बोझ भी पड़ रहा भारी-
सत्ता परिवर्तन के बाद से ही कोरोना संकट छाने के साथ चुनावी बोझ भी सरकारी खजाने पर पड़ रहा है। पहले 28 सीटों पर उपचुनाव, फिर दमोह उपचुनाव और इसके बाद अब तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट के उपचुनाव में विभिन्न प्रकार को बोझ भी सरकारी खजाने पर आया है।
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राजस्व में सुधार की ओर-
कोरोना संकट के बाद लॉकडाउन के पीरियड से दो बार गुजरकर अब मध्यप्रदेश राजस्व वसूली में सुधार की ओर है। शराब, पेट्रोल-डीजल, रेत और प्रॉपटी के मामले में राजस्व धीरे-धीरे पटरी पर आया है। शराब और पेट्रोल-डीजल के मामले में लगातार दामों में बढ़ोत्तरी हुई है। इससे भी राजस्व बढ़ा है।
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सीएम-मंत्रियों ने किए कई प्रयास-
केंद्र से अटकी राशि लेने और ज्यादा से ज्यादा मदद के लिए मंत्रियों और अफसरों के स्तर पर प्रयास होना है। सीएम शिवराज सिंह चौहान भी दिल्ली यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्रियों से राशि आवंटन की मांग कर चुके हैं। अब उपचुनाव नतीजों के बाद एक बार फिर लंबित राशि के लिए प्रयास होंगे।
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