जानकारी के मुताबिक लहारपुरा निवासी 30 वर्षीय महिला को 10 अक्टूबर को ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद जेपी अस्पताल लाया गया था। ब्लड प्रेशर कम होने के चलते महिला बोल भी नहीं पा रही थी। इमरजेंसी में जांच के बाद डॉक्टर ने महिला की इसीजी करने को कहा। इमरजेंसी में मौजूद वार्ड बॉय ने महिला की इसीजी की। महिला का आरोप है कि वार्ड बॉय ने उसे बेहोश समझते हुए उसे गलत तरीके से छुआ।
कमजोरी के चलते नहीं कर पाई विरोध
महिला ने इस बात की शिकायत गुरुवार शाम को अपने पति गोविंद सिंह से की। महिला ने बताया कि उस समय वो अत्यधिक कमजोरी के चलते ना तो बोल पा रही थी ना ही हिल पा रही थी। ऐसे में वार्ड बॉय ने उसे बेहोश समझकर उसके साथ यह हरकत की।
महिला ने इस बात की शिकायत गुरुवार शाम को अपने पति गोविंद सिंह से की। महिला ने बताया कि उस समय वो अत्यधिक कमजोरी के चलते ना तो बोल पा रही थी ना ही हिल पा रही थी। ऐसे में वार्ड बॉय ने उसे बेहोश समझकर उसके साथ यह हरकत की।
प्रबंधन ने कहा पहले पहचानों फिर करेंगे कार्रवाई पति गोविंद ने कहा सुबह उन्होंने अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. अनिल शुक्ला से इस बात की शिकायत की तो उन्होंने हमें ही उस वार्ड बॉय को ढूंढकर लाने को कह दिया। उन्होंने कहा कि पहले इसे पहचानों और नामजद शिकायत करो फिर जांच करेंगे।
रजिस्टर से गायब कर दिया नाम
महिला ने कहा कि अब अस्पताल प्रबंधन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। इसलिए उन्होंने अस्पताल के रजिस्टर से मेरा नाम ही काट दिया। यही नहीं मुझे दवा देकर जबरन डिस्चार्ज करने का दवाब बना रह हैं।
महिला ने कहा कि अब अस्पताल प्रबंधन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। इसलिए उन्होंने अस्पताल के रजिस्टर से मेरा नाम ही काट दिया। यही नहीं मुझे दवा देकर जबरन डिस्चार्ज करने का दवाब बना रह हैं।
चार दिन पहले बदल गया था बच्चा मालूम हो कि करीब एक सप्ताह पहले ही जेपी अस्पताल में एक महिला के बच्चे बदलने का मामला भी सामने आया था। दरअसल अस्पताल की दाई और नर्स ने मरीज से बधाई के रूप में 1100 रुपए एंठने के लिए उन्हें बेटा पैदा होने की सूचना दी। अगले दिन जब उन्हे बेटी दी गई तो हंगामा हो गया।
अधिकारी पर लग चुका है आरोप अस्पताल में इससे पहले भी अभद्रता का आरोप लग चुका है। अस्पताल के स्टीवर्ड डॉ. टीएस मिश्रा पर भी एक महिला कर्मचारी ने प्रताडऩा के आरोप लगाए थे। इस मामले की जांच अभी चल रही है।
मामले की जानकारी नहीं है क्योंकि मैं छुट्टी पर हूं। पर यह कह सकता हूं कि इस तरह की घटना संभव नहीं है। क्योंकि इसीजी रूम में पुरुष के साथ महिला अटेंडर भी रहती है।
डॉ. आइके चुघ, अधीक्षक जेपी अस्पताल
डॉ. आइके चुघ, अधीक्षक जेपी अस्पताल