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वेयर हाउस चना-मसूर के लिए रिजर्व, खुले केप में रखेंगे गेहूं

locationभोपालPublished: Apr 08, 2019 11:06:20 pm

Submitted by:

Praveen tamrakar

समर्थन मूल्य के तहत इस बार जिले में खरीदा जाने वाले लाखों क्विंटल गेहूं भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण राजगढ़, ब्यावरा ओर पचोर में बनाए जा रहे खुले केपों में रखा जाएगा।

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Rajgarh Wheat started to be kept in a broken caps like this from Sunday.

राजगढ़. समर्थन मूल्य के तहत इस बार जिले में खरीदा जाने वाले लाखों क्विंटल गेहूं भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण राजगढ़, ब्यावरा ओर पचोर में बनाए जा रहे खुले केपों में रखा जाएगा। जबकि जिलेभर के सरकारी और निजी भंडारगृह को चना-मसूर के भंडार के लिए रिर्जव रखा है।

नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक बीएम गुप्ता ने बताया कि जिले में हर साल खरीदे जाने वाले गेहूं के भंडारण के लिए ही पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जबकि दो साल से सरकारी तौर पर चना ओर मसूर की खरीदी भी शुरू हो गई है। चना और मसूर के जरा सी नमी में खराब होने की संभावना रहती है। जबकि गेहूं को अच्छी तरह से ढंक कर खुले केपों में रखा जा सकता है। यही कारण है कि समर्थन मूल्य के तहत खरीदा जाने वाला लाखों क्विंटल गेहूं केपों में रखा जाएगा। इसकी रविवार से शुरुआत भी हो गई। इधर रविवार से ही जिले मे बादल छाने से बारिश की संभावना बन रही है। यदि ऐसा हुआ तो यहां रखे जाने वाले गेहूं में खासा नुकसान होगा।

जर्जर केपों में खरीदी की शुरुआत
वेयर हाउस में चना और मसूर रखने के निर्देश समर्थन मूल्य के पंजीयन के पूर्व ही हो गए थे। इसके बावजूद वेयर प्रशासन ओर वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन ने समय पर गेहूं रखने के लिए केप के निर्माण की शुरुआत नहीं की। खरीदी शुरू होने के बाद आनन-फानन में राजगढ़ के जालपा रोड स्थित पुराने केपों की मरम्त करवाने के आदेश जारी किए गए हैं। लेकिन काम की धीमी गति से केपों की मरम्मत का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ है कि रविवार से वहां गेहूं रखने की शुरुआत भी हो गई। बताया जा रहा है कि वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा जालपा रोड पर बने करीब १६५ केपों में से ८० केप की मरम्मत का काम करवाया जा रहा है। जबकि शेष केप को दुरुस्त मानते हुए उन पर गेहूं का भंडारण शुरू कर दिया गया है। जबकि वास्तविकता यह है जालपा रोड पर पूर्व में बने सभी केप लगभग क्षतिग्रस्त हो चुके है। वही जिन केपो की मरम्मत का काम चल रहा है वह भी गुणवत्ता को लेकर कोई मानीटरिंग नहीं की जा रही है। इसके कारण यह मरम्मत कितने दिन चलेगी इस पर भी संशय बना हुआ है।

पिछले साल खाली रहे थे केप
इस साल की तरह पिछले साल भी कई सरकारी ओर निजी वेयर हाउस को भावांतर के तहत खरीदे जाने वाले चना, मसूर के भंडारण के लिए अधिकृत किया गया था। लेकिन बाद में प्रशासन के अनुमान से कम खरीदी हुई। ऐेसे में चना, मसूर के लिए अधिकृत कई भंडार गृह खाली पड़े थे। जबकि सुरक्षित भंडार नहीं होने से केप में रखे गेहूं बड़ी मात्रा में खराब हुए थे।
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