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कैंडल मार्च निकाल कर्मचारियों ने दी सरकार को चेतावनी

locationभोपालPublished: Jul 21, 2018 07:21:05 am

Submitted by:

Bharat pandey

मागें नहीं मानी गई तो 23 जुलाई से होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल
 

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Warned to government

भोपाल। बीते दो दशकों में ब्रह्मस्वरूप समिति और अग्रवाल आयोग की अनुसंशाओं के आधार पर अनेक संवर्गों की दिक्कतों को दूर किया गया, लेकिन लिपिक संवर्ग की समस्याएं जस की तस बनी है। अब तक इस संवर्ग को किसी समिति या आयोग का लाभ नहीं मिला है।

अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो हमें अपनी बात मनवाने मजबूरन आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ेगा। यह बातें शुक्रवार को मंत्रालय कर्मचारी संघ द्वारा मंत्रालय के सामने आयोजित कैंडल मार्च के दौरान अध्यक्ष सुणीर नायक ने कही ।

उन्होंने बताया कि शिक्षक हो या कोई अन्य संवर्ग उन्हें जीवन में एक बार परीक्षा (जैसे बीएडी ) देनी होती है। लेकिन लिपिक को हर दो साल में सीपीसीटी परीक्षा पास करनी होती है। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर वे अब तक कई ज्ञापन के साथ 78 विधायक और तीन सांसदों से पत्र लिखवा चुके हैं।

यही नहीं पूरे प्रदेश में सामूहिक अवकाश, मुख्यमंत्री से चर्चा, मन्नत यात्रा सहित कई आयोजन भी कर चुके हैं, इसके बावजूद सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने बताया कि अगर सरकार इस बार भी हमारी बात नहीं मानती तो वे 23 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। हड़ताल में मंत्रालय के साथ विधानसभाा, संभागीय कार्यालय, कलेक्ट्रेट आदि के कर्मचारी शामिल होंगे।

आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन और रैली स्थगित
सातवें वेतनमान की मांग को लेकर पिछले 15 दिन से असहयोग आंदोलन कर धरना-प्रदर्शन व प्रवेश कार्य का विरोध कर रहे महाविद्यालयों और उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों ने आंदोलन के साथ 23 जुलाई को होने वाली रैली स्थगित कर दी है।

प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. कैलाश त्यागी के अनुसार संघ के प्रतिनिध मंडल को मुख्यमंत्री के सचिव अशोक वर्णवाल ने बुलाकर आश्वस्त किया है कि प्राध्यापकों को जल्द ही सातवां वेतनमान दिया जाएगा। कैबिनेट की प्रथम बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया जा सकता है। उनके आश्वासन के बाद संघ ने पिछले 15 दिन से जारी आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

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