जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ ने दोनों अधिकारियों को 12 फरवरी को खुद हाजिर होकर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर अधिकारी अगली सुनवाई के पहले अपना जवाब पेश कर देते हैं, तो उनका वारंट निरस्त माना जाएगा।
ये है मामला…
भोपाल के रहने वाले सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक रूप सिंह विश्वकर्मा ने याचिका दायर कर बताया कि वह होशंगाबाद एसपी कार्यालय से सेवानिवृत्त हुआ था। सेवा के दौरान उसे एक अप्रैल 2006 से द्वितीय समयमान वेतनमान देने का आदेश दिया गया था।
पुलिस विभाग ने पुराना आदेश निरस्त कर उसे एक सितंबर 2007 से द्वितीय समयमान वेतनमान का आदेश जारी कर दिया।
हाईकोर्ट ने पूर्व में पुलिस विभाग का आदेश निरस्त कर एक अप्रैल 2006 से ही उक्त वेतनमान देने के निर्देश दिए थे। तय सीमा के बावजूद आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई।
कोर्ट ने दो बाद उक्त अधिकारियों को जवाब पेश करने के निर्देश दिए, लेकिन उसका पालन नहीं हुआ।
बढ़ी सैलेरी के पैसे वापिस का मामला…
दरअसल, भोपाल के रहने वाले सेवानिवृत्त टीआई रूप सिंह विश्वकर्मा ने दायर याचिका में कहा गया था कि उन्हें साल 2006 में पदोन्नति मिली थी।
जिसके बाद उन्हें बढ़ी हुई तनख्वाह भी मिलने लगी, लेकिन एक साल बाद ही पुलिस विभाग ने उन्हें एक नोटिस दिया। जिसमें उनका डिमोसन और एक साल तक बढ़ी सैलेरी के पैसे वापिस करने की बात कही गई। इसे टीआई विश्वकर्मा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
जिस पर सुनवाई करते हुये कोर्ट ने 2018 में रूप सिंह के पक्ष में फैसला दिया, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी उन्हें गृह विभाग से राशि नहीं दी गई।
आदेश का पालन नहीं…
जिस पर हाईकोर्ट ने पूर्व में पुलिस विभाग का आदेश निरस्त कर एक अप्रैल 2006 से ही उक्त वेतनमान देने के निर्देश दिए थे। तय सीमा के बावजूद आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई।
कोर्ट अधिकारियों को जवाब पेश करने के निर्देश दिए, लेकिन उसका पालन नहीं हुआ। लिहाजा विश्वकर्मा ने कोर्ट अवमानना याचिका हाईकोर्ट में दायर कर दी।
गिरफ्तारी वारंट जारी…हाईकोर्ट ने डीजीपी और होशंगाबाद पुलिस अधीक्षक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट द्वारा गृह विभाग के प्रमुख सचिव केके सिंह, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला व होशंगाबाद एसपी के खिलाफ 10-10 हजार रुपए के जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। सभी अधिकारियों को कहा गया है कि 12 फरवरी को खुद कोर्ट में हाजिर होकर अपने-अपने जवाब दें।