यह बात लिम्का बुक में नाम दर्ज करा चुके डॉक्टर जयंती लाल भंडारी ने प्रशासन एकेडमी में आयोजित मुख्यमंत्री विद्यार्थी भविष्य निर्माण योजना कार्यशाला में कही। विद्यार्थियों के प्रोफेशनल कोर्स से अनजान होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की परंपरागत डिग्री के अलावा प्रोफेशनल कोर्स उपलब्ध हैं,
विडंबना है कि देश में शिक्षा के नए परिदृश्य व कॅरियर की दिशाओं से अनजान होने से छात्र-छात्राएं योग्यता, प्रतिभा के बावजूद सर्वोत्तम कॅरियर विकल्प से वंचित रह गए। डॉ. भंडारी ने कहा कि छात्रों को अभिभावकों और कॅरियर विशेषज्ञों के साथ बैठकर यह निर्धारित करना चाहिए कि वो १२वीं के बाद कौन सा पाठ्यक्रम ले और कौन सी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश ले। इस मौके पर प्रदेश भर से काउंसलर आए थे। उन्हें बच्चों का काउंसलिग करने का तरीका बताया गया है। इसके साथ ही ग्राउंड लेवल तक बच्चों को काउंसलिग देने की ट्रेनिंग दी गई।
२१ से ३० मई तक जिला स्तर पर होगी काउंसलिंग
प्रशासन एकेडमी में पूरे प्रदेश के काउंसलर्स आए थे। इन्हें विशेष ट्रेनिंग दी गई। अब ये लोग जिला स्तर पर २१ से ३० मई तक बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें बेहतर कॅरियर के बारे में बताएंगे, जिससे वे अपना कॅरियर चुन सकें। कॉउंसलरों को ट्रेनिंग देते हुए डॉ. भंडारी ने कहा, हमें अपने आस-पास देखना होगा कि जॉब कहां है। अभी स्वच्छता की बात हो रही है, इससे इसमें रोजगार है। जीएसटी लागू होने से देश में करीब पांच लाख नए रोजगार उपलब्ध होंगे। इसमें सीए व कर सलाहकार बनने का मौका है।