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जलसंकट के हालात: ध्यान नहीं दिया तो दो माह बाद शहर की पांच लाख आबादी जूझेगी जलसंकट से

locationभोपालPublished: Feb 23, 2019 09:05:28 am

– तालाब में महज चार फीट पानी बचा- कोलार से एक माह का एडवांस पानी लिया
– १६५६.़४० फीट पर बड़ा तालाब- ४४३.९६ मीटर पर कोलार डेम

water crisis in the city

water crisis in the city

– तालाब में महज चार फीट पानी बचा
– कोलार से एक माह का एडवांस पानी लिया

– १६५६.़४० फीट पर बड़ा तालाब
– ४४३.९६ मीटर पर कोलार डेम

– ०५ एमसीएम पानी प्रतिमाह लिया जा रहा कोलार से
– ०५ एमसीएम अधिक पानी लिया गया कोलार से दो माह में
– १२५ एमसीएफटी ही प्रति फीट पर पानी बचा है तालाब में
– ३५ एमजीडी ही पानी ले पा रहे नर्मदा से

भोपाल

जलसंकट की भयावहता हर दिन बढ़ रही है, लेकिन नगर निगम और नगरीय प्रशासन के जिम्मेदार समेत शहर के तमाम जनप्रतिनिधि पूरी तरह से उदासीन है। जलसंकट की भयावहता का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि शहर की पांच लाख आबादी के लिए पानी की व्यवस्था करने वाले बड़े तालाब में अब एक फीट पर महज १२५ एमसीएफटी ही पानी बचा है। शहर को जलापूर्ति वाले सभी स्त्रोतों के पानी का प्रबंधन दुरूस्त नहीं किया तो अप्रैल में पुराने शहर से लेकर बैरागढ़ और फिर करोंद, भेल में लोग भयंकर जलसंकट की जद में आ सकते हैं।
आंकड़ों में समझें बढ़़ता जलसंकट
तालाब का जलस्तर शुक्रवार को १६५६.़४० फीट पर पहुंच गया, जो डेडेलेवल से महज चार फीट ही अधिक है। इसी तरह कोलार डेम का जलस्तर रोजाना तेजी से घट रहा है। शुक्रवार को ये ४४३.़९६ मीटर पर पहुंच गया। यहां से महज पांच एमसीएम पानी ही मिल रहा है, जबकि मांग ७ एमसीएम की हो रही है। नर्मदा प्रोजेक्ट से ३५ एमजीडी पानी लिया जा रहा है। बड़ा तालाब में तो फुल टैंक लेवल यानि १६६६.८० पर एक फीट पर ३२५ एमसीएफटी पानी रहता है। यानि यदि तालाब को कटोरे की तरह देखें तो अब तले में बेहद कम पानी रह गया है और बारिश को पूरे पांच माह का समय है। मौजूदा स्थिति देखते हुए मार्च आखिर या अप्रैल मध्य तक ही तालाब से पानी लिया जा सकता है।
१० मिनट कम, महज १० एमजीडी पानी की ही कटौती

नगर निगम ने जलसंकट की स्थिति से बचाने जलापूर्ति में दस मिनिट की कटौती शुरू की है। इस कटौती के बावजूद महज बड़ा तालाब से महज १० एमजीडी पानी की ही कटौती हो पा रही है। पहले ३३ एमजीडी पानी लिया जाता था, अब ये २३ एमजीडी लिया जा रहा है। जलापूर्ति समय में कटौती के बावजूद कोलार डेम से पानी लेने में कमी नहीं की जा पा रही है। सालाना ६० एमसीएम का अनुबंध है, लेकिन इस बार पांच एमसीएम पानी अतिरिक्त ले लिया गया है। मई-जून में इसे एडजस्ट किया जाएगा तो दिक्कत आएगी। जलापूर्ति से जुड़े इंजीनियरों का कहना है कि ये पानी महज डेढ़ माह तक ही लिया जा सकता है। एेसे में संकट लगातार करीब आ रहा है।
इनके पास कोई प्लानिंग नहीं
प्रभारी जलकार्य प्रमुख अभियंता के पद पर बैठे एआर पंवार के पास इस संकट से निपटने कोई प्लानिंग नहीं है। उनका कहना है कि अभी तो जलापूर्ति कर रहे हैं। तालाब में पानी कम हो रहा है, लेकिन हम इससे जलापूर्ति वाले क्षेत्रों को कोलार व नर्मदा से पानी देंगे। कोलार से अधिक पानी लिए जाने पर एडजस्ट कैसे व कब करेंगे? इसकी योजना भी नहीं है।
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