MP में शुरू हुई पानी की तबाही, अब इन क्षेत्रों पर भी मंडरा रहा खतरा...
कई जगह बने बाढ़ से हालात...

भोपाल। मध्य प्रदेश में बारिश ने तबाही का दौर शुरू कर दिया है। इसके चलते प्रदेश के कई जिलों में हो रही बारिश से जहां नदी नाले उफान पर आ गए है। वहीं कई जिलों में तो पानी के इस रौद्र रुप ने कई घरों को तक गिर दिया है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में बाढ़ से हालात निर्मित हो गए हैं।
इधर, मौसम विशेषज्ञ एसके नायक के अनुसार राजधानी में अगले दो दिन तक बारिश का यह दौर चलता रहेगा। कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में कई जगह जल भराव की स्थिति बन सकती है। विभाग में दर्ज आंकड़ों के अनुसार भोपाल में सोमवार को अधिकतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
यह सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम था। न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री रहा। यह सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा। विशेषज्ञों के अनुसार एक-दो दिन के बाद अच्छी खासी बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है। इस कारण तापमान में भी उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।
ये तीन प्रमुख कारण भारी बारिश के लिए जिम्मेदार -
राजधानी सहित प्रदेश में बारिश के लिए दो प्रमुख कारण हैं, जिससे कई शहरों में भारी बारिश का अनुमान है।
- एक अति कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी पूर्वी मध्य प्रदेश एवं उसके आसपास के क्षेत्र में बना हुआ है।
- हवा के ऊपरी हिस्से में 7.6 किमी ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का घेरा बना हुआ है।
- द्रोणिका मीन सी लेवल में बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर, सीधी से अति कम दबाव के क्षेत्र से ओडिशा से बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
इन दिनों राजधानी भोपाल सहित राज्य के कुछ हिस्सों में लगातार हो रही हल्की व कभी तेज बारिश के साथ मौसम सुहावना बना हुआ है।
वहीं अशोकनगर ने पिछले 32 घंटे में सुबह आठ बजे तक शहर सहित आसपास के क्षेत्र में पांच इंच से ज्यादा (13 सेमी) बारिश हो चुकी है। इससे जहां शहर के आसपास के छोटे नाले दूसरे दिन भी उफान पर आ गए, तो वहीं सैकड़ों हेक्टेयर खेतों में पानी भर गया, इससे उड़द-सोयाबीन की फसल खेतों में ही डूबी हुई है।
जबकि शहर में जो तीन दर्जन से अधिक कच्चे मकान धराशायी हो गए। नतीजतन यह परिवार पड़ोसियों के घरों पर खाने और रहने के लिए मजबूर हैं। इसी प्रकार विदिशा की तहसील हैदरगढ़ में भी पिछले दिनों तेज बारिश ने करीब आधा दर्जन कच्चे घर ढहा दिए।
इसके अलावा अब तक सूखे की मार झेल रहा ग्वालियर-चंबल संभाग में जोरदार बारिश के चलते यहां की कई निचली बस्तियां जलमग्न हो गई हैं। वहीं पिछले दिनों हुई वर्षा में ग्वालियर में स्वर्णरेखा नदी में बाढ़ आ जाने से बुरे हालात पैदा हो गए। नदी में कई कार और दोपहिया वाहन बह गए।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कुछ जिलों में नदी और नालों का जलस्तर काफी बढ़ जाने से यातायात अवरुद्ध हो रहा हैं। कई जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पिछले दिनों गुना जिले में तेज बारिश के चलते पूरे जिले में ही बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। वहीं जबलपुर शहर भी लगातार तर-ब-तर हो रहा है। वहीं मंडला में झामुल, भदारी और गौर नदी उफान पर हैं। इनके पुल के ऊपर से बाढ़ का पानी बह रहा है।
इधर, सोमवार को अशोक नगर शहर में दिन में भी तेज बारिश हुई और दिनभर रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। हालांकि गलियों का पानी घरों में भर जाने के बाद पानी तो निकल गया, लेकिन अब इन परिवारों के कच्चे घर नीचे से गलने लगे हैं और उनके धराशायी होने की आशंका है। वहीं जिनके घर धराशायी हो गए वह अब रहने के लिए परेशान हो रहे हैं।
डूबी सैकड़ों हेक्टेयर की फसल
नदी नालों के उफान पर आने से जहां कई जगहों पर किनारे के खेतों में खड़ी उड़द-सोयाबीन की फसल उखड़ गई, तो वहीं सैंकड़ों हेक्टेयर जमीन में पानी भर जाने से फसल खेतों में ही डूब गई है।
इससे खेत अब तालाबों में तब्दील हो चुके है और पानी में डूबने की वजह से फसलों के गलकर खराब होने की आशंका है। वहीं धान लगाकर खेतों में बनाई गई मिट्टी की पारें भी पानी के बहाव में टूटकर बह गईं, इससे किसानों को फिर से पार तैयार करना पड़ेगी।
ढाई फीट ऊपर बहते पानी से होकर निकले लोग...
प्रदेश में कई जगहों पर पानी सीमा रेखा से उपर आने के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी के चलते राजगढ़ ब्यावरा में लीमा चौहान के पुल पर बारिश का पानी आ जाने से दिनभर सारंगपुर-संडावता मार्ग बंद रहा।
जबकि बिलोदा पाल के पास काई नदी भी उफान पर आ जाने से मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया। वहीं अशोकनगर के तुलसी सरोवर तालाब ओवरफ्लो हो जाने से आंवरी और जमाखेड़ी का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया।
यहां तालाब का पानी रास्ते पर ढ़ाई फिट ऊंचा बह रहा है। इसके अलावा शहर में भी बच्चों को स्कूल परिसरों में भरे पानी में से होकर निकलना पड़ा।
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