मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि इस समय दक्षिणी मप्र से लेकर अरब सागर तक द्रोणिका बनी है, दूसरी द्रोणिका राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक बनी है। वहीं राजस्थान में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात है, साथ ही साथ बंगाल की खाड़ी में भी प्रतिचक्रवात बना हुआ है। एक ओर जहां बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है , वहीं पहली बार द्रोणिका के माध्यम से अरब सागर से भी ज्यादा मात्रा में नमी आ रही हैं। दोनों के संयुक्त असर से गरज-चमक, बौछार और आंधी-तूफान जैसी स्थिति बन रही है। शहर में यह स्थिति गुरुवार और शुक्रवार को भी बनी रहेगी। इस दौरान कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ तेज हवाएं चल सकती है, कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। मंगलवार रात से छाए बादलों के चलते बुधवार को न्यूनतम तापमान में 2.8 डिग्री की बढ़ोत्तरी हुई और तापमान सामान्य से 4.8 डिग्री अधिक रहकर 23.2 डिग्री दर्ज किया गया। दिन भर बादलों के आने-जाने के बीच धूप भी निकलते रहने से दिन के तापमान में खास बदलाव नहीं आया। अधिकतम तापमान 0.6 डिग्री घटकर 35.6 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो दिन बादल और बौछारों के बाद मौसम खुलेगा लेकिन 31 मार्च को एक ओर पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद मौसम फिर बदलेगा और अप्रेल के पहले सप्ताह में फिर से बादलों के साथ गरज-चमक की स्थिति बन सकती है।