भोपालPublished: Jun 05, 2020 09:34:48 pm
praveen malviya
– खत्म हुआ निसर्ग का असर, आज राजस्थान पर बने परिसंचरण के असर से पश्चिमी प्रदेश में कहीं-कहीं पड़ेगी बौछारें
– आठ जून को बंगाल की खाड़ी में बनेगा एक ओर कम दबाव का क्षेत्र, नौ जून से फिर शुरू होगा प्रदेश में बरसात का दौर
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भोपाल. प्रदेश में गुरुवार को जहां निसर्ग के असर से जोरदार बरसात हुई वहीं इसके कमजोर पड़ जाने के बाद शुक्रवार को मौसम लगभग साफ रहा। कुछ जिलों में बौछारें पड़ी लेकिन भारी बारिश की स्थिति कहीं नहीं बनी। मौसम विशेषज्ञों ने शनिवार को पश्चिमी प्रदेश में कुछ स्थानों पर बौछारें पडऩे एवं इनमें से कहीं-कहीं तेज बौछारों की संभावना व्यक्त की है। इसके बाद अधिकांश जिलों में तापमान में बढ़तोत्तरी होगी, हालांकि आठ जून को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके असर से 10 जून से एक बार फिर पूरे प्रदेश में बरसात का सिलसिला शुरू होगा। तब मानसून के भी प्रदेश में दस्तक देने का अनुमान है। राजधानी में बीते 24 घंटों में लगभग डेढ़ इंच बरसात के बाद शुक्रवार को दोपहर तक आसमान खुला रहा लेकिन इसके बाद शाम को एक घंटे में लगभग पौन इंच (20 मिमी) बरसात हो गई। इसके अलावा दिन भर में गुना और शाजापुर में 19-19 मिमी, उमरिया में तीन, सीधी में दो, खजुराहो में 1.6 तो उज्जैन में 0.4 मिमी बरसात हुई। जबकि जबलपुर में बारिश ट्रेस की गई। मौसम विशेषज्ञा एसके नायक ने बतया कि उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू-कश्मीर और मुजफ्फराबाद पर पश्चिमी विक्षोभ मौजूद है। समुद्र तल से 1.5 किमी ऊंचाई पर पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। विक्षोभ एवं चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के चलते अगले 48 घंटों में पश्चिमी मध्य प्रदेश में कुछ स्थान पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कहीं-कहीं पर आकाशीय बिजली साथ गरज-गरज की स्थिति बनने की संभावना है। आगामी 24 घंटों के दौरान भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन रीवा, शहडोल, संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर हलकी से मध्य वर्षा, आकाशीय बिजली के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है, इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं भारी बौछारें भी पड़ सकती है। जबलपुर संभाग में तेज हवाएं चलने का अनुमान है। आठ जून के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के पूर्वी हिस्सों में विकसित होने की संभावना है। इस कारण 10 से 12 जून के दौरान मध्य प्रदेश सहित मध्य भारत में अधिकांश स्थानों से अनेक स्थानों पर वर्षा के साथ कहीं भारी वर्षा की संभावना है। अगले दो दिनों के दौरान प्रदेश में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा लेकिन इसके बाद एक से दो डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढऩे के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होती जा रही हैं। मध्य प्रदेश में भी एक हफ्ते में मानसून आने की संभावना है।