इन जिलों से मानसून वापसी की सामान्य तिथि पांच अक्टूबर तय की गई थी, इस तरह से सामान्य से चार दिन के विलम्ब से मानसून की वापसी हुई है। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि, अगले दो से तीन दिनों में पूरे प्रदेश से मानसून वापसी हो जाने की संभावना है।
आज बनेगा नया सिस्टम उत्तरी अंडमान सागर रविवार को एक सिस्टम बनने जा रहा है। कुछ वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह ताकतवर सिस्टम में भी बदल सकता है। हालांकि यह कौन सा रास्ता लेगा और प्रदेश में पर इसका क्या असर पड़ेगा यह अभी कहा नहीं जा सकता। अगले तीन-चार दिनों में इसका पता चलेगा। हालांकि असर हुआ भी तो प्रदेश के कुछ पूर्वी हिस्सों तक ही ऐसा होने की संभावना बन सकती है।
मानसून सामान्य लेकिन असमान वितरण मानसून के आगमन के समय मौसम विभाग ने इस वर्ष 106 फीसदी बारिश का अनुमान जताया था। इसमें पांच फीसदी कमी या अधिकता होने की गुंजाइश बताई थी। और मानसून वापसी तक प्रदेश में 100 फीसदी बारिश हुई है। इस हिसाब से मानसून सामान्य रहा है। आंकड़ों में मानसून सामान्य दिख रहा है, लेकिन जलवायु परिवर्तन का असर साफ दिखा और मानसून का वितरण असमान रहा। जून के मानसून अगमन के महीने में जोरदार बारिश हुई वहीं जुलाई लगभग सूखा रहा, अगस्त में सामान्य से कम बारिश हुई तो आखिर में जाते-जाते सितम्बर माह में मानसून ने अ’छी बारिश दी और मानसून सामान्य की श्रेणी में आ गया।
महीना- बारिश- सामान्य से अंतर
जून- 167.3 मिमी- 30 फीसदी अधिक जुलाई- 281.6 मिमी- चार फीसदी कम
अगस्त- 252.9- सात फीसदी कम सितम्बर- 243.3- सामान्य
जून- 167.3 मिमी- 30 फीसदी अधिक जुलाई- 281.6 मिमी- चार फीसदी कम
अगस्त- 252.9- सात फीसदी कम सितम्बर- 243.3- सामान्य