साइलेंट किलर होता है थायराइड
पहले के समय में माना जाता था कि, ये समस्या लोगों को 40 वर्ष के बाद होती है। लेकिन अब ये समस्या किसी भी आयू वर्ग के व्यक्ति में हो रही है। थाइरॉयड को साइलेंट किलर माना जाता है क्योंकि इसके होने के बाद बीमारियां धीरे धीरे उजागर होती हैं। गले में तितली जैसी आकृति की एक ग्रंथि ग्लैंड थाइरॉक्सिन हॉर्मोन बनाती है। यह हॉर्मोन बॉडी में एनर्जी लेवल, हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, मूड और मेटाबॉलिज्म को मेंटेन करता है। जब इस हार्मोन का प्रोडक्शन कम या ज्यादा होता है तो कई स्वास्थ संबंधि समस्याएं होने लगती हैं। इस बीमारी के चलते मरीज को खाने पीने का खास ध्यान रखना चाहिए, आइये जानते हैं उनके बारे में…।
इन चीजों के सेवन से बचें पीड़ित
-सोया प्रोडक्ट इनमें फाइटो एस्ट्रोजन होता है। इससे हायपोथाइरॉयडिज्म की समस्या बढ़ जाती है।-कॉफी
इसमें मौजूद कैफीन की वजह से थाय थायरोक्सिन दवा का अब्जोर्बशन नहीं होता है।
-ऑयली और फैटी खाना इनमें मौजूद कैलोरी की अधिक मात्रा हायपोथाइरॉयडिज्म को बढ़ाती है। -मीठा इससे बॉडी के मेटाबोलिज्म पर असर पड़ता है। हायपोथाइरॉयडिज्म की समस्या तेजी से बढ़ती है।
-ब्रोकली
इनसे नार्मल फंक्शन के लिए जरूरी आयोडीन अब्जोर्बशन की क्षमता घट जाती है।
-सीफूड इसमें आयोडीन होता है जो हायपोथाइरॉयडिज्म की समस्या बढ़ाता है। -रिफाइंड फ़ूड इससे ब्लड शुगर और हार्मोन का लेवल बिगड़ने के ज्यादा चांसेज होते हैं।
-ऑवला चूर्ण और शहद
ऑवला चूर्ण और शहद के मिश्रण का सेवन करने से इसका असर आपको 10-15 दिनों में आपको महसूस होने लगेगा। इसके लिए आपको सुबह खाली पेट एक चम्मच शहद में 5-10 ग्राम ऑवला चूर्ण मिक्स करके उंगली से चाटना होगा। इस प्रक्रिया को रात को खाना खाने के 2 घंटे बाद एक बार फिर दोहराएं। इस उपाय से आपका मोटापा भी कंट्रोल होगा।
-अदरक
अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने नहीं देती और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार करती है।
-दही और दूध का सेवन
थायराइड से ग्रस्त लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।
-मुलेठी का सेवन
थायराइड के मरीजों को बड़ी जल्दी थकान होने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं। और थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।
-गले को दें ठंडी गर्म सेंक
थायरइड की समस्या में गले को ठंडी-गर्म सेंक देने से फायदा मिलता है। इसके लिए आप गर्म पानी को एक बोतल में भर लें और अलग से ठंडे पानी को किसी बर्तन में भर लें। ठंडे पानी में एक तौलिया भी भिगों लें।