प्रदेश में इस बार समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए एसएमएस देने की जगह किसानों से आनलाइन स्लाट बुक कराए जा रहे थे। इसकी वैधता अवधि सात दिन रखी थी। प्रदेशभर में करीब 10 लाख किसानों ने स्लाट बुक कराए लेकिन इनमें से अधिकांश किसान उपज बेचने उपार्जन केंद्रों पर पहुंचे ही नहीं। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए प्रदेशभर में कुल 19 लाख 81 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें से अब तक कुल 3 लाख 50 हजार 785 किसानों ने ही गेहूं बेचा है।
दरअसल, इस वर्ष किसानों को मंडियों और खुले बाजार में गेहूं की समर्थन मूल्य से कहीं अधिक कीमत मिल रही है। प्रदेश के गेहूं की विदेशों में जबर्दस्त डिमांड है जिसके कारण व्यापारी किसानों को मुंहमांगे दाम दे रहे हैं वहीं उन्हें भी निर्यातकों से अच्छी कीमत मिल रही है.यही कारण है कि किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने में रुचि नहीं ले रहे. 19 लाख 81 हजार पंजीकृत किसानों में से दस लाख ने ही स्लाट बुक कराए।
अभी तक प्रदेश में किसानों ने सरकार को कुल 29 लाख 43 हजार 589 टन गेहूं ही बेचा है। इधर कुछ जगहों से स्लाट बुकिंग की तारीख बढ़ाए जाने की मांग भी सामने आई थी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने किसानों की सुविधा को देखते हुए अब तय किया है कि उपार्जन की अंतिम तिथि से पांच दिन पहले तक बुकिंग की जाएगी। इसके साथ ही जिन किसानों ने अभी तक स्लाट बुक नहीं कराए हैं, उन्हें पहले की तरह उपज बेचने के लिए एसएमएस किया जाएगा। इससे पहले भी स्लाट बुकिंग की अवधि 17 से बढ़ाकर 30 अप्रैल की जा चुकी थी. अब इसे और बढ़ा दिया गया है.