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आरोपी को गिरफ्तार करने आई पुलिस, तो देखकर खुश हुआ, बोला बहुत लेट आए सर,रिश्तेदार को बताया पुलवामा हमले का आरोपी

locationभोपालPublished: Jan 21, 2020 10:46:46 am

Submitted by:

Radhyshyam dangi

अंसार उल मुसलमीन में 9 घर वाले, 2 वकील, 2 रिश्तेदारों और 1 पुलवामा हमले का आरोपी आदिल को बताया पदाधिकारी

पुलवामा हमले

पुलवामा हमले

भोपाल। सांसद प्रज्ञा ठाकुर को धमकी भरा पत्र और केमिकल भेजने वाले आरोपी डॉ सैय्यद अब्दुल उर रहमान ने अपने इंजीनियर भाई हफीज उर रहमान से बदला लेने के लिए षडयंत्र रचा। भाई से 2014 से चल रहे विवाद के कारण वह अवसाद में चला गया और बदला लेने के लिए उसने अपने 5 जीजा, बहन, भाई, मां सहित दो वकील और पुलवामा हमले का मृत आरोपी आदिल को शामिल करते हुए एक आतंकी संगठन बनाया। फिर साध्वी प्रज्ञा के साथ ही साध्वी प्राची और कश्मीर के राज्यपाल को धमकीभरा पत्र भेजा। वह अपने परिजनों से बदला लेना चाहता था।

उन्हें फंसाने के लिए उनके नाम से धमकियां देता था। इसके पहले भी वह दो बार ऐसा कर चुका है। बदला लेने के लिए कट्टर हिंदूवादी नेताओं को निशाना बनाया। एटीएस ने आरोपी डॉ सैय्यद अब्दुल उर रहमान को सोमवार को कोर्ट में पेश कर 7 दिन की पुलिस रिमांड ली है। एटीएस की पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि उसने काल्पनिक संगठन और पत्र प्रेषक का स्वामी रामचंद्रन अय्यर के नामों का सहारा लिया। वह अपने सगे भाई इतनी नफरत करने लगा था कि उन्हें जेल भिजवाना चाहता था।


पुलिस देख खुश हो गया, बोला बहुत लेट आए सर

मप्र पुलिस व एटीएस की टीम जब उसे हिरासत में लेने नांदेड़ पहुंची तो वह खुश हो उठा। उसने पुलिस को यह तक कहा कि आप बहुत लेट आए हो सर। मैंने तो अक्टूबर में पत्र भेजा था। अब मेरी सुनवाई हो जाएगी। दरअसल वह अपने भाई, और भाई का साथ देने वालों को फंसाना चाहता था। लेकिन उसकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही थी, इसलिए उसने यह षडयंत्र रचा। एटीएस एडीजी राजेश गुप्ता ने कहा है कि आरोपी मानसिक अवसाद से ग्रस्त है और उसका इलाज चल रहा है। उसने घटना को अंजाम दिया है, लेकिन सांसद प्रज्ञा को आरोपी से किसी तरह का खतरा नहीं है।


18 दिन जेल गया तो बीमार पड़ गयाभाई से संपत्ति के विवाद के चलते 2014 में आरोपी के भाई ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज करवाया था। इस मामले में आरोपी 18 दिन जेल में रहा। वहां से छूटने के बाद उसने जिस कंपनी में भाई नौकरी करता था, उसकी कंपनी जहां से उसने पढ़ाई की उस विवि के कुलपति को भी सितंबर 2019 में धमकीभरा पत्र भेजा था। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो तीसरा पत्र साध्वी प्रज्ञा, साध्वी रिचा और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पत्र भेजा।

इंटरनेट से पता लिया, एप से उर्दू में लिखा

आरोपी ने एटीएस को बताया कि उसने सांसद प्रज्ञा का इंटरनेट से पता लिया। एक उर्दू एप के जरिए उसने धमकीभरा पत्र लिखा। साथ ही सिम बॉक्स गिरोह के सतना के एक बलराम नामक आरोपी की न्यूज देखकर पत्र में उसका भी नाम लिख दिया। पत्र के साथ अपने परिजनों के 8-10 आईडी प्रूफ भेजे, ताकि पुलिस उनकी पड़ताल कर उन्हें पकड़ सके। लेकिन चालाकी से उसने इसमें कांटछांट कर कई जानकारियां हटा दी। एटीएस ने आरोपी की मां नासेहा बेगम का वोटर आईडी भेजा जिसमें वोटर आईडी संख्या लिखी थी, जिसके आधार पर टे्रस कर लिया।

पटाखे का पोटाश भरा अगरबत्ती की पन्नी में

एटीएस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने लाल रंग के पटाखों की लड़ी का पोटाश निकालकर उसे बैंगलुरु की अगरबत्ती कंपनी जो वह इस्तेमाल करता था, उसकी पन्नी में भर दिया। ताकि इसे केमिकल मान लिया जाए। हालांकि एटीएस अभी इसकी एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही इसे सही मानेगी।

इलाज चल रहा है आरोपी का

एटीएस ने जब आरोपी के परिजनों और पत्नी से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि मनोचिकित्सा संबंधी इलाज चल रहा है। वह मानसिक अवसाद में है। इस तरह की वह हरकत पहले भी कर चुका है। नांदेड़ एसपी और डीएसपी को भी उसने अगस्त 2019 में पत्र भेजा था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसलिए उसने यह कदम उठाया। आरोपी के खिलाफ नांदेड़ में दो केस दर्ज है।

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